हे भगवान, जयपुर में हर कदम पर माफिया राज
Mafia Raj in Jaipur: जयपुर को क्या किसी की नजर लग गई। पूरी तरह शांत और मिलनसार इस शहर में अब हर तरफ माफिया को डंका बजने लगा। कोई भी क्षेत्र इन माफिया से अछूता नहीं ंहै। राजनीतिक संरक्षण होने के साथ साथ छुटभैया नेताओं की घुसपैठ इसे पनपाने में लगी है। अवैध निर्माण और अतिक्रमण इतना आसान हो गया कि कोई भी करा ले, उसका कुछ नहीं हो सकता है। दाम नहीं दिए तो जरूर तोड़फोड़ संभव है, अन्यथा अदालती स्टे लाकर बैठ जाते हैं। इस स्टे को खाली कराने के लिए स्थानीय प्रशासन के स्तर पर कोई प्रयास तक नहीं होता है। नतीीजा, खूबसूरत जयपुर शहर में लग जाता है एक औऱ दाग।
सूदखोरों ने लोगों का जीना हराम कर रखा है। ब्याज पर धंधा करने का लाइसेंस नहीं होने के बावजूद गरीबों को 10 से 20 रुपए सैकड़ा ब्याज पर पैसा देकर उनकाखून चूसाजाता है। राजापार्क, आदर्शनगर, जवाहरनगर, ट्रासपोर्ट नगर, मालवीय नगर, झोटवाड़ा, मानसरोवर जैसे इलाके अछूते नहीं रहे। सूदखोरों से तंग आकर लोग आत्महत्या करने तक को मजबूर हैं। शराब माफिया, यानि जयपुर में शराब की बिक्री पर रात आठ बजे बाद रोक है, लेकिन पूरी रात जयपुर में आसानी से शराब मिल जाती है। किसी ने शिकायत कर दी, तो माफिया उसकी जान के पीचे पड़ जाते हैं।
पुलिस की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है। बजरी के अवैध खनन और परिवहन में तो बड़ी बड़ी मछलियां कांटा डाले बैठी है, इसमें संबंधित पुलिस थानों की मिलीभगत हाल ही सामने आई है। राज्य की नए डीजीपी ने डिकाय आपरेशन चलाया तो पांच SHO निलंबित किए गए और छह SHO को लाइन हाजिर किया गया। इसकी चपेट में 15 पुलिसकर्मी भी आए। जयपुर में हाल ही नए साल पर सैलानियों की भीड को देखते हुए 10 जनवरी तक चारदीवारी में ई-रिक्शा के संचालन पर पूरी तरह रोक लगाई है। ई-रिक्शा बंद हुए तो अचानक जयपुर में आटो रिक्शा की बाड आ गई।
समूचे जयपुर का ट्रैफिक सिस्टम डिस्टर्ब कर दिया। यातायात पुलिस जब इसकी गहराई में गई तो सामने आया कि जयपुर में ई-रिक्शान और आटो पर माफिया का राज है। किसी नए को प्रवेश नही करने देते हैं और बिना वैध दस्तावेज के खुले में आटो चलाते हैं। अवैध रूप से चलाने के बदले उनसे रोज की वसूली जिसे हफ्ता वसूली कही जाती है, की जाती है।
शहर में यही हाल पार्किंग ठेको का है। यहां निर्धारित से ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं, विरोध पर लड़ाई झगड़े करते हैं। नियत समय से एक मिनट ऊपर होने पर भारी वसूली करते हैं। नगर निगम को इनकी कई बार शिकायतें हो चुकी, लेकिन सारे ठेकों के पीछे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का हाथ सामने आने के कारण लोग लुटकर चुप रह जाते हैं। जयपुर औऱ राजस्थान पुलिस इस समय पूरी तरह से शानदार काम करते हुए इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाने में लगी है, जिसकी जनता तारीफ कर रही है। यही कारण है कि अब जनता की पुलिस और प्रशासन से अपेक्षाएं ज्यादा हो गई, उम्मीद है कि वो भी पूरी होगी।
– डा. उरुक्रम शर्मा