डॉ उरुक्रम शर्मा
Operation Clean for leaders who speak the language of Pakistan:जब देश में जयचंदों की फौज हो तो किसी दुश्मन की जरूरत नहीं होती है। पहलगाम में आतंकी नरसंहार हुआ। 26 निहत्थे हिंदू पर्यटकों को उनके परिवार के सामने धर्म पूछ कर गोली मार दी। पूरा देश आक्रोशित हो उठा। एक स्वर में देश में आतंक का बदला लेने का संकल्प लिया। देश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक के सफाए के लिए भारतीय फौज को खुली छूट दे दी। फौज तैयार, दो दिन के हमलों में ही पाकिस्तान के एयरबेस तहस नहस कर दिए। पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा दिया। सीज फायर हुआ। मोदी ने साफ कहा, ऑपरेशन सिंदूर स्थगित किया गया है खत्म नहीं। मतलब साफ है, अभी पाकिस्तान को और धूल चटाई जाएगी।
इसी बीच देश के कुछ विपक्षी नेता सार्वजनिक मंचों से भारत के कितने और क्राफ्ट खत्म हुए, जैसे बेहूदे सवाल करने लगे। वो ये नहीं पूछ रहे, भारत ने पाकिस्तान को कैसे ढेर किया, उसके कितने एयरबेस को खत्म किया, पाकिस्तान को कहां तक घुसकर मारा। याने साफ तौर पर चीन और पाकिस्तान की भाषा बोलने लगे। ये ठीक देश से गद्दारी जैसे सवाल हैं। जो नेता ऐसे सवाल कर रहे है, वो चीन और अमेरिका की यात्रा करते रहते है। वहां जाकर भी भारत में संविधान खत्म और लोकतंत्र खत्म होने जैसे बड़े बड़े दावे करते है। अफसोसजनक or शर्मनाक हैं। राजनीति में कुर्सी के लिए नेता कितने नीचे गिर जाते है, उसका ये बड़ा उदाहरण है। इनके लिए राष्ट्र धर्म सर्वोपरि नहीं है, अपनी कुर्सी सबसे बड़ी है। पाकिस्तान 2014 से पहले तक देश में कही भी आतंकी घटना को अंजाम देता रहा है लेकिन यूपीए सरकार ने कभी बदला नहीं लिया। देश के पास उस समय गोला बारूद भी खत्म होने की बातें संसद तक में कही गई। 2014 बाद देश में बदलाव हुआ। पहले हथियार खरीदते थे अब हथियार बेचते है। युद्ध में विदेशी की जगह भारत के हथियारों ने दुनिया को हिला कर रख दिया। दुनिया भारत के खतरनाक इरादों से हिल गया ओर युद्ध समाप्त करने की बातें करने लगा। ट्रंप, बिन पैंदे का लौटा है। उसकी किसी बात पर यकीन नहीं किया जा सकता है। वो कभी भी धोखा दे सकता है। ऑपरेशन सिंदूर में भी उसने पाकिस्तान का साथ देकर अपनी नीयत बता दी। कल तक चीन का दुश्मन था अब ट्रंप छिनके जिनपिंग के तलवे चाटने को मजबूर है। वैसे भारत के कुछ गद्दार नेताओं को ट्रंप का समझ लेना चाहिए। ये पहले वाला भारत नहीं, ये नया भारत है, जो समय भी खुद चुनता है, निशाना भी। घर में घुसकर मारता भी है और दुश्मन और उसके दोस्तों को भी कंगाल करता है। जैसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्की और बंगला देश के साथ किया। उन्हें बरबादी के रस्ते पर लाकर खड़ा कर दिया।
देश से गद्दारी करने वालों को समझ लेना चाहिए, वो देश का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते क्योंकि भारत की फौज हर दुश्मन को मिटाने की ताकत रखती है। भारत की कूटनीति जीतने की ताकत रखती है। नुकसान सिर्फ जयचंद जैसे नेताओं को होगा जिन्हें ना तो जनता का साथ मिलेगा न ही सत्ता के लिए कुर्सी।