गलती जिसकी होगी, उसे सजा मिलेगी, बराबर मिलेगी
पुलिस चाहे तो सब कुछ कर सकती है, पुलिस चाहे तो कुछ भी नहीं कर सकती है। बस करने की इच्छा हो औऱ कोई स्वार्थ ना हो। सिर्फ वर्दी का मान बढ़ाने का संकल्प हो। राजस्थान में दिनों दिन पुलिस की गिरती छवि एक बड़ी समस्या बन चुकी थी। बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करना औऱ माफिया से मिलीभगत केकारण राज्य पुलिस की छवि पर नकारात्मक असर पड़ रहा था। पुलिस के आला अफसरों की यह जानकारी में यह बरसों से था, लेकिन किसी ने भी इसकी रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसी वजह से सवाल खड़े हो रहे थे।
राज्य के नए डीजीपी राजीव शर्मा को सेल्युट है। काम संभालने के कम समय में ही उन्होंने अपने महकमे को बारीकी से परखा और इसमें सुधारने का फैसला किया। राजस्थान में बजरी माफिया बहुत बड़ी समस्या बन चुका था। राजधानी जयपुर में टोंक की बनास नदी और जोबनेर के आगे से बजरी के ट्रक ना केवल ओवरलोड होकर आते हैं, बल्कि बेखौफ आते हैं। इनके वाहन थानों औऱ पुलिस चौकियों के सामने से गुजरते हैं, लेकिन कोई इन्हें कुछ नहीं कहता, ना ही टोकता है। सूत्र बताते हैं कि हर थाने की बजरी के प्रति ट्रिप के हिसाब से मासिक बंदी होती है। दाम पहुंच जाता है, गाड़ियां आराम से निकल जाती है। डीजीपी साहब की जानकारी में यह जब आया तो उन्होंने विशेष टीमें बनाई। दो दिन तक लगातार इन टीमों ने डीकाय आपरेशन चलाया। इस आपरेशन में वो सब कुछ मिला, जो शिकायतें या जानकारी सामने आ रही थी।
थानों के सामने से बजरीके अवैध ट्रकों का निकलना, ओवरलोडिंग ट्रकों का सुगम संचालन, थाने का आंखें मूंदकर रखना, फरियादी से अच्छा व्यवहार नहीं करना, जीरो एफआईआर में आनाकानी आदि आदि।डीजीपी साहब ने इस मामले में चार जिलों के पांच SHO को निलंबित किया। छह SHO को लाइन हाजिर किया गया। 15 पुलिस वालों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के घेरे में लाया गया। राजस्थान में बरसों बाद किसी जांबाज पुलिस चीफ ने कड़ा एक्शन लेने एक झटके में हर पुलिस वाले को मैसेज दे दिया कि गलती और मिलीभगत बर्दाश्त नहीं। जनता को भी साफ कर दिया कि उनकी शिकायत को राज्य पुलिस कभी हल्के में नहीं लेगी। गलती जिसकी होगी, उसे सजा मिलेगी, बराबर मिलेगी।
– डा. उरुक्रम शर्मा