सरकार ने स्पष्ट किया है कि सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री नहीं रुकेगी। गृह निर्माण सहकारी समितियों की बसाई कॉलोनियों की चाहे उस जमीन को लैंड यूज चेंज है या नहीं हो, रजिस्ट्रियां जारी रहेंगी। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के अधिकारियों की इस बयान के बाद वकीलों ने हड़ताल खत्म कर दी है। गौरतलब है कि पंजीयन विभाग ने राज्य सरकार के एक्ट का हवाला देकर तीन दिन पहले सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी थी। सरकार के इस फैसले के बाद वकीलों ने कार्य बहिष्कार कर हड़ताल कर दी थी।
22ए का हवाला देकर पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक लगाई थी
कलेक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गजराज सिंह राजावत ने कहा कि पंजीयन विभाग ने एक्ट में 22ए का हवाला देकर सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक लगाई थी।
इसके बाद वकीलों का प्रतिनिधिमंडल पंजीयन विभाग के अधिकारियों से मिला तो अधिकारियों ने कहा है कि 17 जून 1999 से पहले जारी सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री हो जाएगी।
इसके बाद के सोसायटी पट्टों पर रजिस्ट्री लैंड कन्वर्जन के दस्तावेज देने पर ही होगी। इस फैसले के विरोध में वकील हड़ताल पर उतरे।
डीआईजी जयपुर प्रथम सोसायटी पट्टों पर रोक लगाने और फिर वापस रजिस्ट्रियां शुरू करने के मामले में डीआईजी जयपुर प्रथम देवेन्द्र कुमार जैन ने कहा है कि एक्ट की गलत व्याख्या से असमंजस हुआ है। इस मामले में उच्चाधिकारियों से चर्चा हुई है। एक्ट में सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री नहीं करने का हवाला नहीं है। किसी भी पंजीयन कार्यालय में सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्रियां पहले की तरह ही जारी रहेंगी। सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री के दौरान क्रेता को लैंड कन्वर्जन का कोई दस्तावेज पेश करना जरूरी नहीं होगा।