hanuman jayanti 2025:हिन्दू धर्म शास्त्रों और वेदों में बजरंग बलि को कलियुग का देवता कहा जाता है। लोगो की मन्यताओ के अनुसार चारों युगों में उनका प्रताप विद्यमान है। कहते है कि जो भी भक्त उनकी सच्चे मन से उपासना करते है, वो उनको हमेशा दर्शन देते है। लोगों के अनुसार वीर हनुमान आज भी इस धरती पर विचरण कर रहे हैं। कहते है कि, कलियुग में हनुमान जी अमर है। वह भक्तो के दिलों और विशेष स्थानों पर साक्षात रूप में विद्यमान भी हैं। आज हम उनको पांच दिव्य स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
गंधमादन पर्वत
गंधमादन पर्वत हिमालय कि पवित्र वादियों बसा हुआ है, पर यह कोई साधारण स्थान नहीं। लोंगो की मन्यताओ के अनुसार हनुमान जी आज भी यहां पर गहन तपस्या में लीन है। इस स्थान पर ऋषि-मुनि आज भी दिव्य ऊर्जा प्राप्त करते है। इस जगह पर हनुमान के दर्शन दुर्लभ है। जो भी यहां पर सच्चे मन से तप करते है उनको हनुमानजी की उपस्थिति का आभास जरूर होता है।
जगन्नाथ पुरी
भारत के उड़ीसा राज्य को पवित्र भूमि के नाम से जानते है। इस राज्य में श्री जगन्नाथ जी विराजते है। यहां पर हनुमना जी सेवा भावना भी अमर है। हिन्दू मान्यताओ के अनुसार ‘बड़ा डांडा’ मार्ग पर भगवान हनुमान सदा उपस्थित रहते है। क्योकि उनके आराध्य श्रीराम अर्थात जगन्नाथ की यात्रा बिना किसी समस्या के पूरी हो जाए।
चित्रकूट
चित्रकूट वह प्रसिद्ध स्थान हैं जहां पर श्री राम और हनुमान का प्रथम मिलन हुआ था। यह जगह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर बसा हुआ है। यह जगह एक पवित्र भेंट की गवाही देता है। यहा के पर्वतों, घाटों और जंगलों के बीच संतों और भक्तों हनुमान जी के दर्शन के बारे में अपना अनुभव बताया है।
रामेश्वरम
रामेश्वरम तमिलनाडु की एक पवित्र भी के रूप में प्रसिद्ध है यहां से हनुमान जी ने समुद्र लांघा और लंका की ओर प्रस्थान किया था। इस स्थान को स्थान भक्ति और सेवा का मेल कहते है। इस जगह पर भी हनुमान जी ऊर्जा को महसूस किया जा सकता है।
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