होलिका असुर जाति की थी।

वह असुर-राजा हिरण्यकश्यप की बहन थी।

होलिका के पिता महर्षि कश्यप और मां दिति थी।

होलिका को सिंहिका के नाम से भी जाना जाता है।

होलिका को ब्रह्मा जी से वरदान मिला था कि वह आग में नहीं जलेगी।

अपने भाई हिरण्यकश्यप के आदेश पर प्रह्लाद को मारने की कोशिश की थी।

वह प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाकर आग में बैट गई थी।

भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गया और होलिका जल गई थी।