हिन्दू धर्म के चार युगों में कलियुग अंतिम युग है।

कलियुग सत्य, धर्म और सदाचार की हानि का प्रतीक है।

पुराणों के अनुसार, कलियुग अधर्म का पुत्र है।

कलियुग को हिमसा या क्रोध की संतान भी माना गया है।

कलियुग की पत्नी का नाम अलक्ष्मी है।

मनुष्य के अंदर द्वेष, लोभ, मोह और पाप को बढ़ना है।

मनुष्य के अंदर द्वेष, लोभ, मोह और पाप को बढ़ना है।

कलियुग का मुख्य आधार सत्य को बचाना है।

यह युग भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से समाप्त होगा।