संजय को वेदव्यास महाभारत को  16 बार देखा था।

संजय दिव्य दृष्टि से महाभारत का युद्ध महल में देख सकते थे।

संजय ने कुरुक्षेत्र के युद्ध को धृतराष्ट्र को सुनाया था।

संजय महाभारत के युद्ध को हर बार नई दृष्टि से देखता था।

संजय की दृष्टि केवल शारीरिक नहीं आध्यात्मिक भी थी।

काकभुशुण्डि एक दिव्य संत थे।

काकभुशुण्डि ने श्रीराम की भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया था।

इन्होने ने भी महाभारत युद्ध को 16 बार अपनी आँखों से देखा था।

इन्होने श्रीराम की कथा गरुड़ जी को सुनाई थी।