शिवरात्रि का उपवास भोर से शुरू होता है।
ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए।
शिवरात्रि के दौरान रात्रि जागरण करना चाहिए।
ऐसा करने से व्रत का फल दोगुना हो जाता है।
भोजन और नमक से परहेज करना चाहिए।
दूध, पानी और फलों का सेवन कर सकते है।
महाशिवरात्रि का निर्जला या फलाहार व्रत रख सकती है।