माना जाता है कि सृष्टि की शुरुआत इसी दिन हुई थी।
इसी दिन आधी रात में भगवान शिव का साकार रूप में अवतरण हुआ था।
इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव किया था।
ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से भस्म कर देते है।
इस लिए ही इसे महाशिवरात्रि या जलरात्रि भी भी कहते है।
इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था।
इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है।
शांत मन से व्यक्ति लक्ष्य साधने में कामयाब होते है।