जयपुर. रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने भारत पहुंचते ही सीधे तौर पर अमेरिका को निशाने पर लेते हुए कहा कि भविष्य भारत और रूस का रहेगा। भारत किस्मतवाला देश है, जिसके पास नरेन्द्र मोदी जैसा लीडर है, जो किसी से डरता नहीं है, किसी देश के दबाव में नहीं आता। उनके रोम रोम में भारत है। उन्होंने यह बात मॉस्को में आजतक को दिए इंटरव्यू में कही।
पुतिन ने भारत को ग्रेट पावर बताया और कहा कि भारत की तरक्की कई देशों को चुभ रही है। भारत अपनी इंडिपेंडेंट पॉलिसी पर चलता है।
उन्होंने पीएम मोदी की लीडरशिप, भारत-रूस संबंधों, ग्लोबल पॉलिटिक्स और अमेरिका की नीतियों पर खुलकर बात की।
अमेरिका को आडे हाथों लेते हुए पुतिन ने कहा कि वॉशिंगटन खुद रूस से न्यूक्लियर एनर्जी खरीदता है और फिर ज्ञान देने की कोशिश करता है। अमेरिका, भारत को रूस से तेल खरीदने पर दोषी ठहराने की कोशिश करता है। यह साफ तौर पर दोहरा चरित्रहै, जिसे अब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी समझने लगी है।
मोदी एक विश्वसनीय और ईमानदार नेता हैं। ऐसे ईमानदार व्यक्ति से बात करना बेहद सुखद है। उनकी बातचीत दिलचस्प होती है।
– गाजा मुद्दे पर पुतिन ने कहा कि यह जटिल मुद्दा है जो लंबे समय से अनसुलझा है और किसी भी समझौते में जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। यहां शासन व्यवस्था को इस तरह व्यवस्थित किया जाना चाहिए कि नियंत्रण फिलिस्तीनी लोगों के हाथों में जा सके।
सभी देश फिलिस्तीन को लेकर चिंतित हैं। सभी चाहते हैं कि फिलिस्तीन राष्ट्र बने। ये कहना कि किसी ने कुछ नहीं किया, गलत होगा। ये समस्या दशकों से उलझी हुई है। इसका समाधान रातोंरात नहीं होगा। ट्रम्प ने जो किया है वो गाजा को दोबारा बसाने के लिए अच्छा है।
तालिबान के महिलाओं के मामले में पुतिन ने कहा, आपने अपनी आंखों से भेदभाव देखा, तभी तो उन्हें बताया। तालिबान से दूरी बनाने के बजाय उनसे संपर्क करना चाहिए। जिससे वह महिलाओं के साथ भेदभाव करना बंद कर दे।
हर देश में समस्याएं है। अफगानिस्तान में भी है। तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण पाया ये पहली वजह है। कई आतंकी संगठनों से वे निपट रहे हैं। ड्रग्स तस्कर संगठनों से वे लड़ रहे हैं। हमें पता होना चाहिए वहां क्या हो रहा है। इसलिए हमने उन्हें मान्यता दिया।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस भारत के साथ है। ये बहुत आसान है। आजादी के लिए लड़ना है तो कानूनी तरीके से लड़ो।
भारत और चीन दोनों देश हमारे करीबी दोस्त हैं। हमें उनके द्विपक्षीय मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग किसी नतीजे पर जरूर पहुंचेंगे। दोनों नेता तनाव कम करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। भारत और चीन दोनों के नेता मेरे अच्छे दोस्त हैं। दोनों ही बुद्धिमान नेता हैं। वो मिलकर इसका हल निकाल लेंगे।
भारत के साथ व्यापार में कोई बाधा नहीं है। यह अर्थव्यवस्था का मामला है। भारत ने कोई रुकावट पैदा नहीं की क्योंकि उन्हें तेल और उससे बने उत्पाद और उर्वरक चाहिए।
पीएम मोदी हमारे सामने यह मुद्दा उठाते हैं। ये पेमेंट से जुड़ा मुद्दा नहीं है। मैंने अपने अफसरों को आदेश दिया है कि भारत से हम जो आयात करते हैं उसमें क्या और नया जोड़ सकते हैं उस पर काम करें।
रूस भारत से ज्यादा सामान खरीदने की सोच रहा है, जिसका मकसद भारतीय आयात को बढ़ाना और दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को पाटना है।
पुतिन ने कहा, हम बस अपने हितों की रक्षा कर रहे हैं। हमें क्रीमिया पोर्ट को लेने की जरूरत नहीं, वो हमारा है। हमारी नौसेना यूक्रेन से समझौते के तहत वहां पहले से मौजूद थी। हमने क्रीमिया पोर्ट पर कब्जा नहीं किया। हम उन लोगों की मदद के लिए आगे बढ़ें जो अपने भविष्य को इनके हाथ में छोड़ चुके थे।
यूक्रेन से शांति मसले पर पुतिन ने कहा कि जब जेलेंस्की सत्ता में आए थे तो उन्होंने कहा था कि वे हर हाल में शांति स्थापित करेंगे, लेकिन अब सब बदल चुका है। ये सरकार अपनी सोच से नाजी समर्थक है। इसलिए सारा माहौल युद्ध का बना।
उनके लिए सबसे जरूरी है ये समझना कि शांतिपूर्ण बातचीत से हर समस्या का हल हो सकता है। ये बात हम उनको 2022 से समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
जंग के दो ही समाधान हैं। या तो रूस जंग के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले।
हमने आठ सालों तक इन राज्यों को मान्यता नहीं दी थी। अब 8 सालों से हमने आजादी घोषित कर दी है, हम लोग यूक्रेन के बाकी हिस्सों और यूक्रेन के साथ रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहे थे।
बात इसकी है कि रूस अपनी रक्षा कर रहा है। ये हमारी रूसी भाषा और परंपरा की रक्षा की बात है जो उन क्षेत्रों में मौजूद है। यूक्रेन में रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्चों को बंद कर दिया गया।
हम युद्ध शुरू करने वालों में से नहीं थे। पश्चिम ने यूक्रेन के साथ मिलकर साजिश की और वहां तख्तापलट किया। हमने पूरे 8 साल शांति से इस मुद्दे को हल करने की कोशिश की। उन्होंने जंग के लिए यूक्रेन को हथियार दिया।
भारत की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि् भारत से आज दुनिया का कोई भी देश वैसे बात नहीं कर सकता जैसे 77 साल पहले करता था।
भारत आज एक शक्तिशाली देश है और वह पहले की तरह ब्रिटिश शासन के अधीन नहीं है। खासकर मोदी के शासन में वह किसी के दबाव में आने वाला नहीं है। भारत के लोग इस बात पर गर्व कर सकते हैं।
ट्रम्प के टैरिफ दबाव के बारे में पुतिन ने बेबाकी से कहा, जिस दबाब की बात कर रहे हैं वो दरअसल राजनीति का इस्तेमाल कर आर्थिक हितों को साधने की कोशिश है। भारत के साथ हमारे रिश्तों पर इसका असर नहीं पड़ता। रूस ने भारत के तेल सेक्टर में निवेश किया है। हमारी कंपनी वहां रिफाइनरी पर काम कर रही है।
भारत हमसे सस्ती कीमत पर तेल खरीद रहा है और यूरोप में बेच रहा है। यह बात लोगों को चुभ रही है, कि कैसे वह ऐसा कर रहा है। यह बात उन्हें चुभ रही है और इसके लिए वे नए हथकंडे अपना रहे हैं।
हमारी एक बड़ी तेल कंपनी ने भारतीय तेल रिफाइनरी कंपनी का अधिग्रहण किया है। यह सबसे बड़े निवेश में से एक है। यहां 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश है।
अमेरिका अब भी अपने न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए रूस से परमाणु ऊर्जा की खरीद करता है। इनमें अमेरिका में चल रहे न्यूक्लियर पावर प्लांट्स के लिए यूरेनियम भी शामिल है। अगर अमेरिका खुद अपनी ऊर्जा जरूरतें रूस के जरिए पूरी करता है तो फिर भारत की खरीद को लेकर उन्हें आपत्ति क्यों है?
भारत एक बहुत विशाल देश है। यह 150 करोड़ लोगों को देश है। जहां विकास की दर 7.7 है। यह मोदी के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। आलोचना करने वाले कह सकते हैं कि इससे ज्यादा किया जा सकता है। लेकिन परिणाम सामने है।
मोदी से दोस्ती के बारे में उन्होंने कहा, पीएम मोदी के बारे में दुनिया तेजी से बदल रही है। वक्त के साथ इसके बदलने की रफ्तार तेज होती जा रही है। नए समीकरण और पावर सेंटर बन रहे हैं। ऐसे में महान देशों के बीच स्थिरता जरूरी है।
चाहे ये दो देशों के बीच का का मामला हो या दुनिया को लेकर विकास के लिए शांति जरूरी है। पीएम के साथ हमारा आपसी सहयोग हमारे लक्ष्यों की गारंटी है। मेक इन इंडिया इसका बेहतरीन उदाहरण है। पीएम मोदी की सोच व्यावहारिक परिणाम देने वाली है।
पुतिन ने कहा- ग्लोबल ऑर्डर में भारत की भूमिका बेहद खासभारत की आर्थिक प्रगति को लेकर पुतिन ने कहा कि देश की 7.7% की ग्रोथ रेट अपने आप में एक बड़ी कामयाबी है और यह पीएम मोदी की लीडरशिप का रिजल्ट है। भारत इस पर गर्व कर सकता है।उन्होंने कहा कि सिर्फ 77 सालों में भारत ने जिस तेजी से विकास किया है, वह पूरी दुनिया को प्रेरणा देता है। हमेशा कुछ ऐसे लोग होते हैं जो कहते हैं कि चीजें बेहतर की जा सकती थीं, लेकिन नतीजे खुद बोलते हैं। पुतिन ने यह भी बताया कि भारत और रूस के बीच होने वाले 90% व्यापारिक लेनदेन कामयाबी से पूरे हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल ऑर्डर अब एक मल्टी पोलर ढांचे की ओर बढ़ रही है, जिसमें भारत जैसी शक्तियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी।