जयपुर. दुुनिया भर में जयपुर मैरिज डेस्टिनेशन के रूप में सबके लिए पहली पसंद बन चुका। इससे अब धर्म का प्रचार करने वाले कथावाचक भी अछूते नहीं रहे। भगवान श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन से आकर कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने हरियाणा की शिप्रा शर्मा के साथ जयपुर में वैदिक रीति रिवाजों से शादी की। विवाह की सारी रस्में पूरे सनातनी धर्म के अनुसार निभाई गई। देश के 101 विद्वान पड़ितों ने जोड़े को फेरे करवाए। दुनिया की मशहूर हस्तियां इस शानदार शादी की साक्षी बनी, जिनमें मशहूर कवि कुमार विश्वास, बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री, भागवत प्रभु, देवी चित्रलेखा आदि प्रमुख रहीं।
जयपुर में इंद्रेश उपाध्याय का नया सफर शुरू हुआ
मायरे से लेकर सगाई, मेंहदी से लेकर हल्दी तक की रस्मों को विधि विधान के अनुसार पूरा किया गया। जयपुर में हुई इस शादी की धूम पूरी दुनिया मं देखी गई।
उपाध्याय और शिप्रा के फेरों में लगभग तीन घंटों का समय लगा। उपाध्याय दूल्हे के वेश में धूमधाम से बारात लेकर शिप्रा के दरवाजे पहुंच। मंगल गीतों के साथ उनकी अगवानी की और तोरण मारकर वो प्रवेश कर गए। दिन में शादी के बाद रात को भव्य आर्शावाद समारोह का आयोजन किया गया। ताज आमेर होटल के कुंदनवन को तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर सजाया गया था। इस दौरान देशभर से आए साधु-संतों ने कथावाचक को आशीर्वाद दिया था। यहां क्लासिकल म्यूजिक का स्टेज बनाया गया था, जहां कलाकारों ने भक्ति रस पर आधारित रागों पर प्रस्तुतियां दी थीं।
उपाध्याय के माता-पिता बारात में जमकर नाचे
नव युगल ने आगंतुकों का अभिनंदन हाथ जोड़कर किया तो वहीं साधु संतों के चरण छूकर आर्शीवाद लिया।
इससे पहले दिन में दुल्हन शिप्रा शर्मा दोपहर 12 बजे गोल्डन कलर की साड़ी में मंडप में पहुंची थी। इंद्रेश उपाध्याय ने हाथ में चांदी की छड़ी लिए हुए सभी रस्में निभाईं।
इंद्रेश उपाध्याय को मंगेतर ने लगाई थी मेहंदी4 दिसंबर को मेहंदी-हल्दी की रस्म हुई थीं। इंद्रेश उपाध्याय की मंगेतर शिप्रा ने उनके हाथ में मेहंदी लगाई थी। इसके बाद लगन और रात को संगीत कार्यक्रम हुआ था। इसमें इंद्रेश उपाध्याय के माता-पिता ने डांस किया था। बॉलीवुड सिंगर बी प्राक भी जमकर नाचे थे।