Rajasthan Housing Board का गठन वैसे तो जरूरतमंद लोगों को वाजिब दरों पर आवास उपलब्ध कराने के लिए किया गया था, लेकिन बोर्ड तो ब्यूरोक्रेट्स को फायदे पहुंचाने के काम में जुट गया। यानि आईएएस और आईपीएस, जिन्हें सरकार की ओर से मोटी तनख्वाह और सुविधाएं मिलती है, उनके लिए छूट के सारे रास्ते खोल दिए। निम्न, अल्प और मध्यम (EWS, LIG, MIG) वर्ग मकान के लिए ठगा सा देख रहा है। भरे पेट वालों को छूट औऱ जरूरतमंद गरीबों को कोई फायदा नहीं…गजब है, फायदा पहुंचाने का खेल। Rajasthan Housing Board ने बोर्ड बैठक में एक प्रस्ताव रखा किIAS/IPS/IFS को प्रशासनिक शुल्क में पांच फीसदी की छूट दी जाए, जबकि EWS, LIG, MIG से यह शुल्क 10 फीसदी वसूला जाता है।
लागत का 10 फीसदी लगता है प्रशासनिक शुल्क
Housing Board जब भी कोई आवासीय योजना में मकान, फ्लैट या नीलामी के जरिए जमीन का आवंटन करता है तो उसमें प्रशासनिक शुल्क लेता है। ये शुल्क मकान या जमीन की कुल लागत का 10 फीसदी होता है।
पौने नौ लाख रुपए तक की मिलेगी छूट
Housing Board ने IAS/IPS/IFS के लिए प्रतापनगर में बहुमंजिला फ्लैट्स (एआईएस) का तीसरा फेज लॉन्च किया है। इसमें राजस्थान कैडर के आईएएस के लिए फ्लैट बनेंगे। यहां फ्लैट की कीमत 1.53 करोड़ से 1.84 करोड़ रुपए है। छूट के बाद अफसरों को करीब 8.75 लाख रुपए कम देने होंगे। योजना के लिए जमीन का यूज भी कॉमर्शियल से आवासीय किया है। इससे भी बोर्ड को नुकसान हुआ है। इसको लेकर पहले जब भी कोई आवासीय योजना में मकान, फ्लैट या नीलामी के जरिए जमीन का आवंटन करता है तो उसमें प्रशासनिक शुल्क लेता है। ये शुल्क मकान या जमीन की कुल लागत का 10 फीसदी होता है
सीएसआर फंड से करवा दिए फैसिलिटी के काम
हाउसिंग बोर्ड ने इससे पहले AIS रेजीडेंसी फेज-1 में भी बड़ी मात्रा में छूट दी थी। यहां तक की इस रेजीडेंसी में कई सुविधाएं हाउसिंग बोर्ड ने अपने सीएसआर फंड से बनवाई हैं। इसकी लागत फ्लैट में न जोड़कर बोर्ड प्रशासन ने खुद के स्तर पर (सीएसआर फंड) वहन की है। बोर्ड ने यहां सीएसआर फंड से करीब 1.18 करोड़ रुपए के काम करवाए हैं।