Delhi Election 2025: गृह मंत्री अमित शाह के संसद में बाबा साहेब पर टिप्पणी करने से शुरू हुआ बवाल अभी तक भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां कांग्रेस इसका कड़ा विरोध कर रही है, तो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी चुप नहीं है। केजरीवाल और उनकी पार्टी ने शाह की टिप्पणी के बाद बीजेपी मुख्यालय के पास धरना दिया और इस दौरान वो बोले बीजेपी के समर्थकों को बीजेपी और बाबा साहब में से किसी एक को चुनना होगा। और इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक नारा भी दिया जो बाबा साहेब से करे प्यार, वो बीजेपी को करे इनकार।
तो वही अब केजरीवाल ने चंद्र बाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को भी इसके मुतालिक पत्र लिखा है जिसे खुद केजरीवाल ने एक्स पर पोस्ट किया है पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा “मैं आपको यह पत्र एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर लिख रहा हूं, जो न केवल हमारे संविधान बल्कि बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिष्ठा से भी जुड़ा है। हाल ही में संसद में, देश के गृह मंत्री अमित शाह जी द्वारा बाबासाहेब के नाम पर की गई टिप्पणी ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। उनका यह कहना कि “अम्बेडकर- अम्बेडकर बोलना आजकल फैशन बन गया है” न केवल अपमानजनक है बल्कि बीजेपी की बाबासाहेब और हमारे संविधान के प्रति सोच को उजागर करता है। बाबासाहेब अम्बेडकर, जिन्हें कोलंबिया विश्वविद्यालय ने “Doctor of Laws” से सम्मानित किया था, जिन्होंने भारत के संविधान को रचा और समाज के सबसे वंचित वर्गों को अधिकार दिलाने का सपना देखा, उनके बारे में ऐसा कहने का साहस आखिर बीजेपी ने कैसे किया?इस से देश भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। ये बयान देने के बाद अमित शाह जी ने माफ़ी मांगने की बजाय अपने बयान को उचित ठहराया। प्रधान मंत्री जी ने सार्वजनिक रूप से अमित शाह जी के बयान का समर्थन किया। इसने जले पर नमक छिड़कने का काम किया। लोगों को लगने लगा है कि बाबा साहेब को चाहने वाले अब बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते। बाबासाहेब सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि हमारे देश की आत्मा हैं। बीजेपी के इस बयान के बाद लोग चाहते हैं कि इस मसले पर आप भी गहराई से विचार करें।”
बताते चले हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संविधान पर बहस के दौरान डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर बोले अभी एक फैशन हो गया है-आंबेडकर, आंबेडकर…. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।