Budget 2025: से नागरिकों का है आर्थिक और सामाजिक स्थिति बेहतर बनाए जाने की उम्मीद। हाईब्रीड और इलैक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर की जाए 18 फीसदी : विनोद बापना
Budget 2025: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट संसद में पेश करेंगी। इस बजट से विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और आम जनता को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से की जा सकती हैं। वहीं इस बजट को लेकर कैपेरो मारुती के सीईओ व सीआईआई गुरुग्राम जोन के वाईस प्रेजिडेंट विनोद बापना ने भी केंद्र सरकार से उम्मीद जताई है कि वो इस बजट में कुछ ऐसा पेश करेंगे, जो कि देश के नागरिकों के लिए राहत भरा कदम साबित होगा।
उन्होंने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट से उम्मीद जताते हुए कहा कि इसमें नियमों और विनियमों का सरलीकरण, विकासोन्मुख, मांग सृजन, सडक़, रेल और हवाई यातायात में सुरक्षा, कौशल विकास की तरफ विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। क्योंकि ये मुद्दे सीधे आमजन को प्रभावित होते है। यदि ऐसे मुद्दों की तरफ केंद्र सरकार गंभीरता से सोचते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाती है तो आमजन के उत्थान को भी गति मिलेगी। इसके अलावा विनोद बापना ने कहा कि बजट में ईवी के लिए प्रोत्साहन जारी रहना चाहिए, ऑटोमोबाईल पर जीएसटी का उच्चतम स्तर उचित नहीं है उसे कम किया जाना चाहिए तथा श्रम कानूनों को गुणवत्ता, लागत और दक्षता में सुधार को प्रोत्साहित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हर वर्ग ये उम्मीद कर रहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 का बजट उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाएगा और सरकार उनकी चिंताओं को प्राथमिकता देगी। क्योंकि केंद्रीय बजट हर नागरिकों के लिए उम्मीदों का एक प्रमुख केंद्र होता है तथा यह सीधे तौर पर उनकी आर्थिक स्थिति और जीवनशैली को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2025-26 में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए जाने की उम्मीद है। यह इंडस्ट्री भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और रोजगार, उत्पादन व निर्यात में बड़ा योगदान देती है।
उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाईल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए ऑटो पार्ट्स और स्पेयर पार्ट्स पर आयात शुल्क में कमी की जा सकती है ताकि उत्पादन लागत कम हो। विनोद बापना ने कहा कि हमारी जीएसटी काउंसलिंग से मांग है कि हाईब्रीड और इलैक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को घटाकर 28 फीसदी से 18 फीसदी किया जाए, इससे ग्राहकों की मांग बढ़ेगी तथा सरकार को ग्रीन फ्यूचर के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिल सकेगी। भारत में वाहन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई (प्रोडेक्शन लिंकड इनसेंटिव) योजना को और विस्तारित किया जा सकता है।
फ्रेंडली नीतियों के तहत भारतीय ऑटोमोबाइल उत्पादों को विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए नए कदम उठाए जा सकते हैं। इसके अलावा वाहनों की खरीद पर टैक्स में छूट, खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन टेक्नोलॉजी वाले वाहनों के लिए। मध्यम वर्ग के लिए वाहन खरीद पर विशेष वित्तीय प्रोत्साहन की घोषणा हो सकती है। ऑटो इंडस्ट्री के स्टार्टअप्स के लिए विशेष फंडिंग योजनाएं जैसे कदम भी ऑटोमोबाईल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं।