Jahota Jaipur News: ब्रह्माकुमारीज़ के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा राजस्थान के ग्राम पंचायत जाहोता में आज शाश्वत यौगिक खेती के पहले मॉडल का शुभारंभ किया गया। जिसके मुख्य आकर्षण :- शाश्वत यौगिक खेती का मॉडल, महिला सशक्तिकरण की पहल के तहत ‘राज़ऋषि दीदी की रसोई’ एवं पोषण वाटिका (Nutrition Garden) का शुभारम्भ किया गया।
सांसद राव राजेंद्र सिंह (जयपुर ग्रामीण) ने अपने संबोधन में शाश्वत यौगिक खेती की सराहना करते हुए इसे किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली पहल बताया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में रासायनिक खेती के कारण किसानों को बढ़ती लागत, घटती उपज और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शाश्वत यौगिक खेती किसानों को प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर ले जाने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है।
राजयोगिनी सरला दीदी (अध्यक्षा, कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग) ने कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए शाश्वत यौगिक खेती के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “शाश्वत यौगिक खेती न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का एक प्रभावी माध्यम भी है। आधुनिक कृषि में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग ने मिट्टी की उर्वरता को प्रभावित किया है, जिससे कृषि उत्पादों की गुणवत्ता कम हो गई है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि हम अपनी परंपरागत खेती की ओर लौटें और जैविक तथा प्राकृतिक तरीकों को अपनाएं।”
उन्होंने आगे कहा, “इस नई कृषि पद्धति में गौ-आधारित बहुस्तरीय खेती और योग के प्रकंपनों का उपयोग किया जा रहा है, जो किसानों को मानसिक और शारीरिक रूप से भी सशक्त बनाएगा। जब किसान अपनी भूमि को प्राकृतिक और जैविक तरीकों से उपजाऊ बनाएंगे, तो वे न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकेंगे, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित रख पाएंगे।”
ब्रह्माकुमारीज़, जयपुर सबज़ोन प्रभारी राजयोगिनी सुषमा दीदी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में किसानों की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा, “किसान ही अन्नदाता है। किसान के अथक प्रयास से ही समाज को भोजन प्राप्त होता है, जिससे संपूर्ण मानव जाति का जीवन संचालित होता है। इसलिए किसान का सशक्त होना और उसका आत्मनिर्भर बनना अत्यंत आवश्यक है। जब किसान आत्मनिर्भर होगा, तो समाज भी आत्मनिर्भर बनेगा और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।”
राजयोगी राजू भाई (उपाध्यक्ष, कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग) ने अपने संबोधन में कहा कि शाश्वत यौगिक खेती किसानों के लिए एक सुरक्षित, टिकाऊ और लाभकारी कृषि मॉडल है। उन्होंने बताया कि रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के बढ़ते उपयोग से मिट्टी की उर्वरता, जल स्रोतों और किसानों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ऐसे में, यह प्राकृतिक कृषि पद्धति जल संरक्षण, मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखते हुए उच्च गुणवत्ता वाली उपज प्राप्त करने में सहायक होगी।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पहल केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों की आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका निभाएगी। राज़ऋषि दीदी की रसोई और पोषण वाटिका जैसी योजनाएं ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने और जैविक कृषि को बढ़ावा देने में मदद करेंगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे प्राकृतिक कृषि की ओर कदम बढ़ाएं और इस पहल को सफल बनाने में योगदान दें ताकि भारतीय कृषि को टिकाऊ और समृद्ध बनाया जा सके।
बीके चंद्रेश भाई (प्रोजेक्ट संयोजक, ब्रह्माकुमारीज़) ने शाश्वत यौगिक खेती मॉडल को किसानों के जीवन में स्थायी और सकारात्मक परिवर्तन लाने वाला प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि यह मॉडल किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर ले जाने और उन्हें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के दुष्प्रभावों से बचाने का एक प्रभावी माध्यम है। कार्यक्रम में प्रोफेसर सपना नरूला, निदेशिका, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर मार्केटिंग ने कहा, “यह पहल किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो उन्हें प्राकृतिक खेती की ओर प्रोत्साहित करेगी और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।”
डॉ. अमित टुटेजा, संस्थापक कनेक्टिंग ड्रीम्स संस्था, ने इस पहल को सराहते हुए कहा, “यह मॉडल न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि उन्हें स्वस्थ और टिकाऊ कृषि की दिशा में अग्रसर करेगा। यह पहल किसानों के जीवन में स्थायी परिवर्तन लाएगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगी।”
जैविक कृषि उत्पादक और सामाजिक कार्यकर्ता राजबाला ने कहा, “शाश्वत यौगिक खेती से किसान रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से मुक्त होकर अपनी भूमि की उर्वरता बनाए रख सकते हैं और स्वस्थ उत्पादों का उत्पादन कर सकते हैं। यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि किसानों के लिए भी एक क्रांतिकारी कदम साबित होगी।”
डॉ. पुर्वेश पटेल, रोटरी प्रेसिडेंट, अहमदाबाद ने कहा, “यह पहल केवल किसानों की आय को बढ़ाने में मदद नहीं करेगी, बल्कि पूरे समाज के लिए एक टिकाऊ और स्वस्थ कृषि पद्धति को बढ़ावा देगी। रोटरी क्लब इस परियोजना के समर्थन में हमेशा तत्पर रहेगा।” ग्राम पंचायत जाहोता के सरपंच श्यामप्रताप राठौड़ ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में शाश्वत यौगिक खेती परियोजना को क्षेत्र के किसानों के लिए एक बड़ी पहल बताया। उन्होंने सभी सहयोगी संस्थानों का आभार व्यक्त करते हुए इसे कृषि और किसानों के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम कहा।
ब्रह्माकुमारीज़ राजावास सेवाकेंद्र प्रभारी बीके सुनेहा दीदी ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि यह अभिनव पहल किसानों और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाते हुए प्राकृतिक और विषमुक्त खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस दौरान ब्रह्माकुमारीज़ और रोटरी क्लब के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस ऐतिहासिक आयोजन में राजयोगिनी चंद्रकला दीदी, राजयोगिनी संगीता दीदी, सेवानी ग्रुप ऑफ कंपनियों के संस्थापक नरेंद्र सेवानी, राजयोगिनी लक्ष्मी दीदी सहित 2000 से अधिक किसानों, कृषि विशेषज्ञों और प्रतिष्ठित अतिथियों ने भाग लिया।