Next Mayor of Jaipur Heritage: जयपुर हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर अब अपनी सीट को नहीं बचा सकती। अपने पति सुशील गुर्जर के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने के मामले में सरकार ने हाईकोर्ट में अपनी फजीहत बचाने के लिए उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दे दी। हाईकोर्ट में अब सरकार अपनी बात रखेगी। उसके लिए दो हफ्ते का समय दिया गया है। साफ हो गया है कि, अब मुनेश गुर्जर पर मुकदमा चलेगा और कुर्सी भी हाथ से जायेगी।
मुनेश की विदाई से बीजेपी में खुशी की लहर
गुर्जर की विदाई से बीजेपी में खुशी की लहर है। मुनेश कांग्रेस से है, कानूनी एक्शन से बचने के लिए उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव (Vidhansabha aur Loksabha Chunav) में बीजेपी का साथ दिया और बीजेपी में शामिल होने की भरसक कोशिश की। बीजेपी भ्रष्टाचार के आरोप लगे होने के कारण उन्हें लेने में आनाकानी कर रही थी। जब हाईकोर्ट की फटकार सरकार को लगी तो तुरंत मुनेश के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी देने पड़ी।
कुसुम यादव हो सकती है अगली महापौर
मुनेश की विदाई के साथ ही बीजेपी के कुसुम यादव का अगला महापौर बनना तय है। वो दूसरी बार पार्षद बनी है। हालांकि ललिता जायसवाल भी दौड़ में है लेकिन कुसुम उन पर भारी पद रही है। कुसुम ने बीजेपी का टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर चुनाव लडा था और भारी जीत दर्ज की थी। बाद में बीजेपी ने हेरिटेज निगम में संख्या बल काम होने पर उन्हें शामिल कर लिया था। कुसुम जयपुर कें किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से है और भाजपा लगातार दो बार से इस क्षेत्र में विधान सभा चुनाव भी हार रही है। इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कुसुम पर दांव लगाया जा रहा है।
कांग्रेस भी कुर्सी बचाने में लगी
जयपुर हेरिटेज में बीजेपी अभी बहुमत से दूर है। बीजेपी को अपना बोर्ड बनाने के लिए 51 पार्षदों को जरूरत है, जबकि उसकी संख्या 42 ही है। कांग्रेस के पास 47 पार्षद है। बीजेपी जोड़तोड़ में माहिर है। इसे देखते हुए कांग्रेस के पार्षदों में टूट कराई जाएगी या उन्हें वोटिंग के समय गैर हाजिर करवाया जाएगा। वर्तमान में कांग्रेस की जयपुर इकाई में जबरदस्त गुटबाजी है, जिसका सीधा फायदा बीजेपी उठाने में कमी नही छोड़ेगी।
कांग्रेस के शहर अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी और दिग्गज नेता महेश जोशी में जंग है। तिवाड़ी विधानसभा चुनाव में अपनी हार के लिए जोशी पर खुले आम आरोप लगा चुके। शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह से भी उनकी बनती नही है। जयपुर हेरिटेज बोर्ड बचाने के कांग्रेस में कोई एकता नजर नहीं आ रही है।