जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने शहर की अगले 30 साल तक की परिवहन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। यह कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (CMP) का ड्राफ्ट है। इसमें जयपुर शहर के हर कोने को मेट्रो से जोड़ने को ध्यान में रखते हुए करीब 130 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाया जाएगा, साथ ही बसों की दृष्टी से करीब 250 किलोमीटर के नए रूट बनाए जाएंगे। इस ड्राफ्ट को जेडीए कमिश्नर की मौजूदगी में तमाम विभागों के अधिकािरयों को प्रजेंटेशन दिखाया गया। ड्राफ्ट राइट्स लिमिटेड (RITES) ने तैयार किया है।
जयपुर में इस समय करीब 34लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं, इसलिए सार्वजनिक परिवहन का दायरा बढ़ाना योजना की पहली प्राथमिकता है। CMP के अनुसार जयपुर मेट्रो के विस्तार को बड़े स्तर पर शामिल किया गया है। फेज-2 (प्रह्लादपुरा से टोडी मोड़) के साथ भविष्य में फेज-3 और फेज-4 भी जोड़े जाएंगे। जिसके तहत साल 2055 तक कुल 130 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क जयपुर जिले में तैयार हो जाए।
वहीं बस कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए करीब 250 किलोमीटर का नया बस रूट नेटवर्क प्रस्तावित किया गया है। इसके तहत शहर में बसों की संख्या बढ़ाकर करीब 4100 करने और मेट्रो और प्रमुख मार्गों के लिए 220 किलोमीटर का फीडर नेटवर्क तैयार करने की योजना है।
ट्रैफिक जाम से राहत के लिए 25 प्रमुख स्थानों पर फ्लाईओवर और अंडरपास बनाने का प्रस्ताव है। इनमें ओटीएस सर्किल से जवाहर सर्किल तक एलिवेटेड रोड, टोडी मोड़ और विजय द्वार जैसे महत्वपूर्ण लोकेशन शामिल हैं। वहीं रेलवे क्रॉसिंग पर 10 नए आरओबी और आरयूबी बनाने की भी योजना है।
जबकि भारी वाहनों को शहर की मुख्य सड़कों से हटाने के लिए उत्तरी रिंग रोड और नए फ्रेट टर्मिनल विकसित करने पर जोर रहेगा। वहीं नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट के लिए साइकिल ट्रैक, फुटपाथ और मेट्रो स्टेशनों पर ई-बाइक शेयरिंग सिस्टम शुरू करने का प्रस्ताव है। भीड़भाड़ वाले इलाकों और परकोटे में नो पार्किंग जोन और ऑन-स्ट्रीट पेड पार्किंग लागू करने के साथ रेलवे स्टेशन सहित अन्य जगहों पर मल्टी लेवल पार्किंग की व्यवस्था किया जाना प्रस्तावित है।