Ganesh Chaturthi 2024: गणेश उत्सव 7 सितंबर 2024, शनिवार (गणेश चतुर्थी) से 17 सितंबर 2024, मंगलवार (अनंत चतुर्दशी) तक रहेगा। गणेश उत्सव के हर दिन विधि-विधान से गणेश जी की पूजा करने से साधकों को विशेष फलों की प्राप्ति होती है। देशभर में गणेश चतुर्थी पर गणपति मंदिरों में भव्य कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। इनमें से कई मंदिरों की भव्यता देखने लायक होती है। एक ऐसा ही मंदिर है जयपुर का लाल डूंगरी गणेश मंदिर, जहां पांच फीट ऊंचे दक्षिणमुखी सूंड वाले गणेशजी महाराज विराजमान है। इस मंदिर में गणपति जी योग स्वरूप की मुद्रा में विराजित है, जो स्वयं में अद्भुत दर्शन है।
बताया जाता है कि, गलता गेट के नजदीक लाला डूंगरी पर स्थित गणेश मंदिर की स्थापना जयपुर शहर बसने से पूर्व ही हो चुकी थी। मंदिर का इतिहास करीब 400 वर्षों पुराना है। कहा जाता है कि, लाल डूंगरी गणेश मंदिर की स्थापना एक साधारण पुष्करणा ब्राह्मण द्वारा की गई थी। जानते है कुछ अधिक जानकारी-
साधुओं की तपस्या से मिली पहचान
स्थानीय लोगों के मुताबिक, जयपुर के लाल डूंगरी गणेश मंदिर में बप्पा की प्रतिमा आमेर से लायी गयी थी। जब इस मूर्ति को आमेर से जयपुर के लिए लाया जा रहा था, तभी रास्ते में बैलगाड़ी के पहिए जाम हो गये और वह आगे नहीं बढ़ सके। उस समय गलता में स्नान के लिए पहुंचे पुष्करणा ब्राह्मण ने इस मूर्ति को वहीं लाल डूंगरी में स्थापित करवा दिया। इसके पश्चात कई वर्षों तक एक से बढ़कर एक साधु-संतों से यहां तपस्या की और मंदिर को बड़ा आश्रम बना दिया।
लाल डूंगरी गणेश मंदिर में मौजूद विशाल वट वृक्ष और बावड़ी इसकी पौराणिकता की गवाही देते है। स्वामी ज्ञानपुरी, प्रेमपुरी, गंगापुरी, धीरजपुरी, आनन्दपुरी, स्वामी संतोषपुरी, योगानन्द,और त्यागानंद, गणेशपुरी जैसे साधुओं की तपस्या से देशभर में जयपुर स्थित इस गणेश मंदिर को विशेष पहचान प्राप्त हुयी है।
गणेश चतुर्थी पर लगता है बड़ा मेला
गणेश चतुर्थी के दिन प्रतिवर्ष लाल डूंगरी गणेश मंदिर जयपुर में विशाल मेला भरता है। मेले में हजारों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। स्थानीय लोगों में लाल डूंगरी के गणेश मंदिर में विशेष आस्था है। सन 1969 से गणेश सचिदानन्द ट्रस्ट द्वारा मंदिर की देखभाल की जा रही है।