- जयपुर. राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत तो मिल गई, लेकिन सशर्त। जोशी अब मामले का फैसला नहीं होने तक विदेश नहीं जा सकेंगे। जमानत पर बाहर आने के बाद उन्हों ने ईडी कोर्ट में जाकर अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया। जल जीवन मिशन घोटाले मामले में महेश जोशी जेल में थे और उन्हें 7 महीने बाद जमानत िमली है।
जोशी को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी है। साथ ही आदेश दिया है कि वे अपना पासपोर्ट जमा करवाएं और बिना अनुमित देश नहीं छोड़ सकेंगे। जोशी ने कहा- वे केस के मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। अभी तक वो जेल में थे। अब जमानत पर बाहर आए हैं। पहले चार्जशीट का अध्ययन करेंगे और कोशिश करेंगे कि हर पेशी पर कोर्ट में स्वयं उपस्थित रहें।
उन्होंने कहा- कोर्ट ने उनसे केस से संबंधित कई जानकारी ली थी। उनके पास जो भी जानकारियां थी, उसे उन्होंने कोर्ट से साझा किया।
जोशी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद महेश जोशी बुधवार शाम जयपुर सेंट्रल जेल से बाहर आए। जोशी करीब 7 महीने जेल में रहे। जोशी को 900 करोड़ के जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में 24 अप्रैल को ईडी ने गिरफ्तार किया था।
राजस्थान हाईकोर्ट ने 26 अगस्त को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जोशी ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। जोशी ने अपनी जमानत याचिका में कहा- पैसा जोशी के बेटे की फर्म के लिए लिया था, लेकिन लौटा दिया था। वहीं ईडी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि पैसा लौटाने से अपराध की गंभीरता कम नहीं होती है।
सुप्रीम कोर्ट में 3 दिसंबर को जस्टिस दीपांकर दत्ता व जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने जोशी को जमानत दे दी थी।