डा. उरुक्रम शर्मा
Malviya Nagar Jaipur समेत समूचे राजस्थान में रसूखात और धन के बल पर अवैध निर्माण-अतिक्रमण आज से हो रहे हैं, ऐसा नहीं है। सरकारी अफसरों की मिलीभगत से यह खेल बरसों से चल रहा है। सरकारें आती हैं, चली जाती है, इनकी संख्या बढ़ती जाती है। सरकार दिखावे के लिए बार बार कहती है, अवैध निर्माण-अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, लेकिन सरकारें चली जाती है, तब तक भी यह और बनते रहते हैं। सत्ता और शासन को यह रसूखात, धन बल और सरकारी तंत्र की मिलीभगत का करारा तमाचा होता है। जब किसी अवैध निर्माण-अतिक्रमण पर ज्यादा प्रेशर आता है तो आनन फानन में उसे ढहा कर शाबाशी लूटी जाती है। जयपुर के मालवीय नगर के गिरधर मार्ग पर पिछले सात महीने से बिना परमिशन के पांच मंजिला इमारत बन रही थी, तो सारा नगर निगम और जेडीए की आंखें क्यों बंद थी। आंखें बंद होने का मतलब साफ है कि सेवा पूजा अच्छे से की गई है। जब भोग पूरा लग गया तो अवैध क्या और वैध क्या। भवन निर्माता हैप्पी गुरवानी जहां परमिशन होने का दावा करते हैं, वहीं जेडीए इससे इनकार कर रहा है। सवाल यह है कि परमिशन थी तो दिखाई क्यों नहीं गई, क्यों नहीं अदालत की शरण लेकर स्टे लिया गया।
अब देखिए सवा करोड़ से ज्यादा खर्च करके इमारत खड़ी गई है, इसे तोड़ने में 15 लाख रुपए का खर्चा आया, जिसकी वसूली निर्माणकर्ता से की जाएगी। सरकार के निर्देश पर इमारत गिरा तो दी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अभी मलाई कूट रहे हैं। उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेना कई सवाल खड़े कर रहा है। आखिर ऐसे अफसरों को सरकार किस बात का वेतन औऱ सुविधाएं दे रही है, जो अपने कर्तव्य को ही सही ढंग से निभा नहीं पा रहे हैं।
ये कैसे बच सकते हैं।
जिम्मेदार नंबर एक
किशन भंडारी
पद-प्रवर्तन अधिकारी, फील्ड की जिम्मेदारी
7 माह से मेन रोड पर बिना जेडीए परमिशन के बिल्डिंग बनती रही। न नोटिस दिया, ना निर्माण रोका।
जिम्मेदार नंबर दो
शिल्पा चौधरी, मुख्य प्रवर्तन नियंत्रक
2 माह से मॉनिटरिंग इन्हीं के जिम्मे।
नोटिस देकर कार्रवाई करनी थी।
कोई नोटिस तक नहीं।
इससे पहले आदर्श चौधरी मुख्य प्रवर्तन नियंत्रक थे।
जिम्मेदार नंबर तीन
{देविका तोमर, जोन-1 क्षेत्रीय उपायुक्त
3 माह से जोन की जिम्मेदारी इनकी ही थी।
इन्हें अचानक पता चला कि बिल्डिंग अवैध है।
इससे पहले श्यामसुंदर बिश्नोई जोन आयुक्त थे।
टूटी इमारत का पूूरा मलबा चीख चीख कर कह रहा है, सुविधा शुल्क वूसलने वाले मजे कर रहे हैं और दरकी हुई दरारों को देख इमारत को ध्वस्त कर दिया।