गुकेश डोमराजू (D Gukesh) ने 18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने 12 दिसंबर, 2024 को सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप के तनावपूर्ण अंतिम गेम में मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। मैच का समापन गुकेश द्वारा एक करीबी मुकाबले के बाद जीत हासिल करने के साथ हुआ, अंततः 14 गेम के बाद 7-6 के स्कोर के साथ समाप्त हुआ।
गुकेश की खिताब की यात्रा पूरे चैंपियनशिप में प्रभावशाली प्रदर्शनों से चिह्नित थी। अंतिम गेम विशेष रूप से तीव्र था, जिसमें दोनों खिलाड़ी 6.5 अंकों पर बराबरी पर थे, इससे पहले कि गुकेश ने अंतिम गेम में डिंग की एक महत्वपूर्ण गलती का फायदा उठाया, जिससे वह चैंपियनशिप जीत सके। यह जीत न केवल गुकेश को शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र का चैंपियन बनाती है, बल्कि उन्हें विश्वनाथन आनंद के बाद खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय के रूप में भी स्थापित करती है।
उनकी उपलब्धि न केवल उनके निजी करियर के लिए बल्कि भारतीय शतरंज के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे देश में इस खेल के प्रति रुचि फिर से जागृत हुई है। गुकेश ने पहले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के सबसे कम उम्र के विजेता के रूप में सुर्खियाँ बटोरी थीं और अपने मैचों में लगातार असाधारण कौशल और संयम का प्रदर्शन किया है।
गुकेश हुए करोड़पति
दरअसल, डी गुकेश को ट्रॉफी के साथ बटोर इनाम 1.35 मिलियन डॉलर (11.46 करोड़ रुपए) मिले है। उनकी सफलता से भारत और दुनिया भर में शतरंज खिलाड़ियों की नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलने की उम्मीद है।