Haryana Elections 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद सारी राजनीतिक पार्टियों में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस के लिया हरियाणा जीतना बड़ी चुनौती है, यदि सत्ता में आए तो राहुल गांधी ताकतवर हो जायेंगे, असफल रहे तो भाजपा उन्हें घेर लेगी। अभी 10 साल से हरियाणा में भाजपा की सत्ता है। सत्ता विरोधी लहर से भी इंकार नहीं है।
किसान आंदोलन का असर है, लेकिन पहलवान विनेश फोगट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शाम होने के साथ ही बीजेपी ने साफ कर दिया और लोगों के समझ में आ गया की पहलवानों और किसान आंदोलन कांग्रेस प्रायोजित था। किसान बिलों को वापसी होने से किसानों को होने वाले नुकसान की बात अब हरियाणा को समझ आ रही है। लोग समझ रहे है की वो बहकावे में आकर अपना नुकसान कर बैठे। इसका सीधा असर चुनाव में होगा।
आप और कांग्रेस में नहीं बनी बात
आम आदमी पार्टी के साथ हरियाणा चुनाव लडने का कांग्रेस ने सपना देखा था। बात भी हुई लेकिन हरियाणा कांग्रेस सीटों के बंटवारे पर राजी नहीं हुई और आप ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा करके कांग्रेस को आइना दिखा दिया। ये साफ हैं की आप कांग्रेस के वोटों में ही सेंध लगाएगी, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा।
जेजेपी और एएसपी साथ लड़ेंगे चुनाव
जेजेपी में चंद्रशेखर से समझौता कर लिया। चंद्रशेखर का एससी और एसटी वोटों में असर है। और इस से कांग्रेस के ये दोनों एससी और एसटी वोट बैंक में सेंध लगेगी। इनेलो का समझौता बसपा से है। बसपा का दलित वोटों पर असर है। सेंध मारी से सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होगा और ये ही सत्ता से दूर कर देगा।
बहरहाल राजनीतिक पार्टियां हर तरह की कोशिश करके वोट बैंक को अपनी तरफ करने में लगी है, कितनी कामयाब होगी ये तो चुनाव परिणाम आने पर ही पता चलेगा, लेकिन वोट कटिंग का असर नजर आ गया तो भाजपा हरियाणा में तीसरी बार सत्ता में आने में सफल हो जायेगी