Atul Shubhash Case: बेंगलुरु में काम करने वाले बिहार के AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने “दहेज उत्पीड़न” आरोपों से परेशान होकर इस दुनिया से अलविदा कहना सही समझा। लेकिन उनकी आत्महत्या के बाद दहेज उत्पीड़न कानून सवालों के घेरे में है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। वहीं दूसरी तरफ अतुल के परिवार को न्याय दिलाने के लिए सोशल मीडिया पर मांग तेज हो गई है।
अब सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने आईपीसी की धारा 498A के दुरुपयोग पर कड़ी कार्रवाई की मांग शरू कर दी है। आपको बता दें कि देश में नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता में भी आईपीसी के प्रावधान को ही बरकरार रखा है। अतुल सुभाष की जान भी इसी सेक्शन ने ले ली।
90 मिनट का वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट
अतुल ने आत्महत्या से पहले 90 मिनट का वीडियो और 24 पन्नों का सुसाइड नोट भी लिखा था। उन्होंने वीडियो में जज द्वारा रिश्वत मांगने की बात का भी जिक्र किया। वीडियो और सुसाइड नोट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दहेज उत्पीड़न कानून को लेकर अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
पुरुष आयोग बनाने की मांग
मामला पुरे देश के सामने आने के बाद अब पुरुष आयोग बनाने की मांग भी सोशल मीडिया पर उठने लगी है। सोशल मीडिया पर यूजर्स का कहना है कि देश के ज्यादातर कानून महिलाओं के हित में बने है, जिसका गलत उपयोग किया जा रहा है। आपको जानकारी बता दे, देश में “दहेज उत्पीड़न” मामलो के केस बढ़ते जा रहे है।
मेरे भाई ने देश को जगाने के लिए दी कुर्बानी
अतुल की मौत से परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। वहीं उनके भाई ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, मेरे भाई ने देश को जगाने के लिए कुर्बानी दी है। उन्होंने कहा हमारे देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो पुरुषो को सुरक्षा देता हो। देश के कानून में सुधार करने की अब जरूरत है।