One Nation One Election: हिंदुस्तान में अब एक देश एक चुनाव और एक वोटर लिस्ट लागू होगा। केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लोकतंत्र की मजबूती वाला फैसला बताया तो कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसकी निंदा की है। इस फैसले से साफ हो गया की अब लोकसभा और विधान सभा के चुनाव पूरे देश में एक साथ होंगे। इस से देश में चुनाव करवाने पर खर्च होने वाला अरबों रुपया बचेगा।
देश में बार बार चुनाव होने से विकास की रफ्तार रुक जाती है, जो की भारत को विश्व की आर्थिक शक्ति बनने में बाधक बन रही थी। लोकसभा और विधान सभा चुनाव होने के 100 दिन के अंदर पंचायत और नगरीय निकायों के चुनाव होंगे। इसमें भी लोकसभा और विधान सभा चुनाव की वोटर लिस्ट ही मान्य होगी। एक बार चुनाव होने के बाद पांच साल बिना रोक टोक के विकास के काम किए जा सकेंगे।
पांच साल में यदि किसी राज्य की या देश की सरकार गिर जाती है तो उसका भी प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद की अध्यक्षता में एक देश एक चुनाव के संबंध में कमेटी गठित की थी। उसकी रिपोर्ट को केंद्र सरकार ने मंजूर किया है।
एक साथ चुनाव होने से केंद्र सरकार और चुनाव आयोग (Election Commission) को काफी मेहनत करनी पड़ेगी। चुनाव ड्यूटी में ज्यादा कर्मचारी लगाने होंगे। साथ ही करीब 26 लाख अधिक ईवीएम मशीनों का इंतजाम करना होगा। ईवीएम मशीनों को रखने के लिए भी जगह कम पड़ेगी। इसके लिए अधिक वेयर हाउस का इंतजाम होगा, जोकि प्राइवेट इमारत या स्कूल हो सकते हैं।