Delhi Election 2025; दिल्ली विधानसभा चुनाव बेहद ही नज़दीक है । नए साल में चुनाव की तारीखों का एलान भी हो जाएगा । ये चुनाव काफी दिलचस्ब होने वाले है क्युकी इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ही आपस में भिड़ते नज़र आ रहे है। एक वक़्त था जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था और अब दोनों ही बीजेपी को भूल एक दूसरे पर ही इल्जामों की बारिश करते नज़र आ रहे है । कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन ने तो केजरीवाल को देशद्रोही तक करार दे दिया ।
तो वही यूथ कांग्रेस ने आप सरकार के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराने की बात कही है । यूथ कांग्रेस की ओर से कहा गया है की आप सरकार की सभी योजनाएं भ्रामक और धोखा देने वाली है। कांग्रेस की ओर से की जा रही इस तरह की बयानबाज़ी भी आप की नाराज़गी को और हवा देती नज़र आ रही है। वही इन बयानबाज़ी से हट कर भी इस चुनाव में एहम मुद्दा कांग्रेस की वो लिस्ट है। जिसमे पार्टी ने आप के बड़े नेताओं को हारने की पूरी रणनीति बना ली है ।
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के सामने चुनाव लड़ रहे संदीप दीक्षित और फरहाद सूरी पर तो आम आदमी पार्टी ने बीजेपी से फंड लेकर चुनाव लड़ने तक का इल्जाम लगाया है । चलिए आपको बताते है उन कुछ सीटों के बारे में जिनके सियासी समीकरण बन रहे आप के कांग्रेस पर हमलावर होने की वजह ।
सबसे पहले शुरू करते है नई दिल्ली विधानसभा सीट से, जहां से खुद अरविंद केजरीवाल मैदान में है। इस सीट पर केजरीवाल ने आज से करीब 12 साल पहले 15 साल तक मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित की सियासत को पूरी तरह ख़तम किया था , केजरीवाल ने शीला दीक्षित को भ्रष्टाचार का चेहरा बनाया और खुद इस सीट पर तबसे राज कर रहे थे ,और इस वक़्त से कांग्रेस की सियासी पकड़ भी दिल्ली से मानों जैसे खत्म ही हो गई । उसके बाद 2015 में कांग्रेस ने किरण वालिया को तो 2020 में रोमेश सब्बरवाल को केजरीवाल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन नतीजे में दोनों को ही आप संयोजक ने शिकस्त दी। अब कांग्रेस ने अपनी पहली ही लिस्ट में शीला दीक्षित के बेटे और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा है । जिसके बाद ये माना जा रहा है की कांग्रेस ने केजरीवाल को ये मैसेज दिया है की पार्टी ये चुनाव उनके लिए आसान नहीं होने देगी ।
संदीप दीक्षित और दीक्षित परिवार नई दिल्ली सीट को बेहद अच्छी तरीके से पहचानते हैं। उनका यहां के वोटरों के साथ अपनापन का रिश्ता माना जाता है ,और इसलिए संदीप दीक्षित केजरीवाल के लिए बड़ी मुश्किल साबित हो सकते हैं, खासतौर पर तब जबकि बीजेपी ने भी पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे पूर्व सांसद परवेश वर्मा को इस सीट से आप और कांग्रेस के लिए चुनौती बनाने का सोच लिया है। इसलिए इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है और खेल किसी ओर भी जा सकता है ।
वही अगर बात करे आप के दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया की तो उनके लिए अपनी पुरानी सीट पटपड़गंज से मुश्किल खड़ी हो रही थी, तो उन्होंने सेफ सीट ढूंढ़ी जंगपुरा। जंगपुरा सीट लाजपत नगर से लेकर दरियागंज तक फैली है, और यहां से सिसोदिया के लिए मुश्किल बनकर आए फरहाद सूरी जो करीब 15 साल पहले दिल्ली के मेयर रह चुके हैं। फरहाद की जंगपुरा में मज़बूत पकड़ है। खासतौर पर निजामुद्दीन इलाके में जहां मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है । वही सिसोदिया के लिए ये सीट नई है, उन्हें अभी अपने वोटरं से जुड़ना भी बाकी है ।फरहाद कई सालों से यहां राजनीति करते आ रहे हैं। वैसे तो बीजेपी के उम्मीदवार का ऐलान होना बाकि है, लेकिन किसी सिख चेहरे पर बीजेपी दांव लगा सकती हैं जैसा उसने पिछली बार किया था। इसलिए जंगपुरा की सीट के समीकरण भी सिसोदिया के लिए आसान नहीं बन रहे हैं।
इन सीटों के अलावा कांग्रेस मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ भी किसी ताकतवर चेहरे को उतारने की रणनीति बना रही है। जिनमें अल्का लांबा का नाम भी शामिल है।