Rajkumar Roat news: बासंवाड़ा – डूंगरपुर से सांसद और भारतीय आदिवासी पार्टी के संयोजक राजकुमार रोत ने शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र में आदिवासियों और उनके हितों के लिए हमेशा आवाज उठाने को लेकर मौजूदा मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने आदिवासियों के अधिकार से लेकर उनकी जमीनों पर कब्जे तक के मुद्दों पर संसद में आवाज बुलंद की ।
संसद पटल पर अपनी बात रखते हुए रोत बोले वर्तमान सरकार हो या पिछली सरकार, आने वाले समय में यह साबित हो जाएगा कि वे आदिवासी समाज के प्रति कितने संवेदनशील हैं। रोत जयपाल सिंह मुंडा की बातों को दोहराते हुए बोले आदिवासियों को लोकतंत्र सिखाने की नहीं बल्कि उनसे सीखने की जरूरत है, जो हजारों सालों से चला आ रहा है. जब संविधान निर्माताओं ने भी देखा कि आदिवासी समाज की गंवई व्यवस्था, गमती पटल और मुखिया व्यवस्था को कहीं न कहीं अपनाया गया है.लेकिन आज लोकतंत्र में जिस तरह से तानाशाही हो रही है, वह कहीं न कहीं आम आदमी के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है
रोत आगे बोले जल, जंगल और जमीन आदिवासी जीवन का आधार है. यही बिरसा मुंडा और जयपाल सिंह मुंडा की कहावत थी. लेकिन आज इसे खत्म किया जा रहा है. आदिवासी समाज की अपनी पहचान है. अपने पूर्वजों के बलिदान के कारण ही उसे आरक्षण का अधिकार है. देश की आजादी के लिए सबसे ज्यादा बलिदान इसी समाज ने दिया है. लेकिन आज इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।