Sri Karan Narendra Agriculture University Jobner Jaipur : जयपुर जिले का जोबनेर स्थित श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, एक बार फिर विवादों में है। 2023 में सह आचार्यों और अन्य शैक्षणिक पदों पर नियुक्तियों में गंभीर अनियमितताओं और जातिगत पक्षपात के आरोप लगे हैं। ज्ञापन में आरोप है कि, कुलपति ने नियुक्तियों में खुद के नजदीकी व एक ही जाति विशेष के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी। चयन बोर्ड के 95 प्रतिशत सदस्य और नियुक्त 90 प्रतिशत सह आचार्य एक जाति से आते हैं। आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता का भी अभाव रहा और स्क्रूटनी के योग्य उम्मीदवारों के अंक जानबूझकर घटाए गए।
सूत्रों के अनुसार, चयनितों को देर रात ई-मेल भेजे गए और अवकाश के दिन ज्वाइनिंग करवाई गई। कई नियुक्तियां बैकडेट में की गईं। पति-पत्नी की नियुक्ति और अयोग्य रिश्तेदार को शारीरिक प्रशिक्षक बनाने जैसे आरोप भी सामने आए हैं। प्रशासनिक पदों पर प्रोबेशनरों की तैनाती, गंभीर बीमारी से ग्रसित कर्मचारियों का दूरदराज तबादला, और कर्मचारियों को धमकाकर मनमानी कार्य करवाने के आरोप भी कुलपति पर लगे हैं।
इस पूरे प्रकरण को पूर्व अनुसंधान निदेशक डॉ. मोहन लाल जाखड़ की आत्महत्या से भी जोड़ा जा रहा है। कहा जा रहा है कि, यह आत्महत्या नहीं बल्कि राजनीतिक षड्यंत्र है। कुलाधिपति, मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री से इस पूरे मामले की स्वतंत्र उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है।
पारदर्शिता पर उठ रहे सवाल
नाम न छपने की शर्त पर एक उम्मीदवार ने दावा किया कि, उसने आवेदन पत्र एक वरिष्ठ प्राध्यापक से भरवाया था। स्कोर कार्ड जांच भी संबंधित प्राध्यापकों से करवाई लेकिन, स्क्रूटनी में जानबूझकर उसके अंक घटा दिए गए। यही नहीं, उसने आरोप लगाया कि, पति-पत्नी की एक साथ नियुक्ति दी गई है और अयोग्य रिश्तेदारों को शारीरिक प्रशिक्षक बना दिया गया है। इसके अलावा विश्वविद्यालय में वरिष्ठ कार्मिकों की मौजूदगी होते हुए भी प्रोबेशनरों को जिम्मेदारी दी गई है।
शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रभाव
कुलपति पर आरोप यह भी है कि, उन्होंने नियमों के विरुद्ध जाकर 2023 में नियुक्त शिक्षकों को बायोमैट्रिक उपस्थिति से छूट दी थी। साथ ही उन्हें स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को गाइड करने की परमिशन भी दे दी, जिससे रिसर्च का स्तर गिर गया। पूरे घटनाक्रम की कुलाधिपति, मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री के नाम ज्ञापन देकर स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की जा रही है, ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जा सके।