Rajasthan Politics: जयपुर में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) ने राजपूत सभा भवन में हंगामा किया। वो मुख्य द्वार बंद होने पर छत के रास्ते से दीवार फांदकर अंदर घुसे। अचानक से इस तरह का माहौल देखकर राजपूत सभा के अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई मौके से ही चले गए।
हॉस्टल को कंटीले तारों से घेर दिया
पूर्व मंत्री गुढ़ा सिंधी कैंप स्थित राजपूत हॉस्टल पहुंचे थे। बोले जहां उन्होंने शिक्षा प्राप्त की, वहां 50 सालों में कोई सुधार नहीं हुआ और छात्रों से पैसे वसूले जा रहे हैं। इसके बाद राजेंद्र गुढ़ा राजपूत सभा भवन पहुंचे। गुढ़ा ने कहा, छात्रों से 50-50 हजार ले रहे हैं । हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों से 50-50 हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। उनसे अलग-अलग कई अन्य मामलों में भी वसूली की जा रही है। हॉस्टल में व्यावसायिक गतिविधियां चल रही है। उन्होंने कहा- हॉस्टल के चारों तरफ बसें खड़ी रहती, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है।
हॉस्टल के हालात बदतर
पूर्व मंत्री ने कहा- राजपूत हॉस्टल मूल रूप से कमरावाटी और भोमियां संघ ट्रस्ट का था, जिसका संचालन बाद में राजपूत सभा ने करीब 25 साल पहले अपने हाथ में ले लिया। समाज को उम्मीद थी कि सभा बेहतर ढंग से हॉस्टल का संचालन करेगी, लेकिन वर्तमान में स्थिति इसके विपरीत है।
बातचीत के दौरान भी हंगामा
बातचीत के लिए जब राजपूत सभा के अध्यक्ष राम सिंह चंदलाई ने राजेंद्र गुढ़ा को बुलाया तो उनके समर्थकों ने फिर हंगामा किया। राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष मौके से चले गए। उन्होंने कहा कि यह विवाद नया नहीं है और पहले भी समाज के लोगों के साथ भेदभाव किया जाता रहा है। उन्होंने कहा- पहले शेखावत समाज के लोगों को चारदीवारी में घुसने तक नहीं देते थे। शाम 7 बजे बाहर कर देते थे।
राजपूत सभा ने आरोपों को नकारा
वहीं, राजपूत सभा के महामंत्री धीर सिंह ने कहा- राजपूत सभा एक संवैधानिक संस्था है, जिसके हर तीन साल में चुनाव होते हैं। हाल ही में 17 अप्रैल 2025 को चुनाव हुए। जयपुर में राजपूत सभा की ओर से तीन हॉस्टल संचालित किए जा रहे हैं। धीर सिंह ने कहा कि सिंधी कैंप स्थित हॉस्टल में 65 से अधिक विद्यार्थी रहते हैं। बच्चों की पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए बाहरी लोगों की एंट्री पर परमिशन लेने की शुरुआत की गई। उन्होंने बताया- बाहरी छात्रों की ओर से बदमाशी पर हॉस्टल के छात्रों पर मुकदमे दर्ज होने की घटनाओं के बाद यह व्यवस्था लागू की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि गुढ़ा समर्थकों ने हॉस्टल परिसर में गाली-गलौज की।