Jaipur news : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में जयपुर प्रथम में 9 अप्रैल को महिलाओं के स्वास्थ्य की हुई जाँच, साथ ही मिला उपचार। मां वाउचर योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को मिला सोनोग्राफी के लिए वाउचर पर निरामय राजस्थान अभियान के तहत लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए भी प्रेरित किया। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की गई। जिसमें उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उनका ईलाज करने के साथ पोषण युक्त आहार की जानकारी प्रदान की गई। गौरतलब है कि राज्य स्तर के निर्देशानुसार अब प्रत्येक माह की 09, 18 व 27 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी,जयपुर प्रथम डॉ. रवि शेखावत ने बताया कि जिले के चिकित्सा संस्थानों पर मनाए गए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत विशेषज्ञ चिकिसकों द्वारा मां वाउचर योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी कराने के लिए माँ वाउचर दिये साथ ही अन्य जाँच व उपचार किये गए। उनके रक्तचाप, शर्करा के स्तर, वजन, लंबाई, हीमोग्लोबिन, रक्त, एचआईवी जांच, हृदय स्पंदन आदि की जांच कर उनको गर्भ में पल रहे शिशु और स्वयं की देखभाल के विषय मे बताया गया और आई.एफ.ए. कैल्शियम तथा अन्य आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गई।
इस अवसर पर चिकित्साकर्मियों द्वारा उन्हें पौष्टिक आहार के महत्व को बताते हुए पोषणयुक्त आहार लेने हेतु जागरूक किया गया। साथ ही निरामय राजस्थान अभियान के तहत अप्रैल माह संतुलित आहार, स्वस्थ जीवन का आधार पर मनाया गया जिसके तहत संतुलित आहार के महत्व व स्थानीय उपलब्ध खाद्य पदार्थों के प्रति जानकारी दी गई , लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया गया l
उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व जांच सुविधाएं देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया जाता है, जिससे गर्भावस्था व प्रसव के दौरान जोखिम को कम करने में मदद मिल सके। अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को एक स्वस्थ जीवन प्रदान करना है। गर्भवती महिलाओं को रोगों, उपचार एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है, जिससे बच्चे के स्वस्थ जीवन के साथ ही सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित किया जा सके और जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य में आने वाले जोखिम को पूर्व में पहचान कर स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जा सके।