Rajasthan Politics: जयपुर। राजस्थान विधानसभा में भाषा की मर्यादा तार तार हो गई। जो कि किसी भी आम व्यक्ति के लिए भी मर्यादा को इंगित नहीं करती है। विधानसभा में जिस तरीके से सोमवार को भाषा का चीरहरण किया गया ।अब मर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया गया उससे तो शायद आम व्यक्ति की नजर ही झुक गई होगी। उन्हें अफसोस भी हो रहा होगा इस बात का की उन्होंने किन लोगों को वोट दिए और वह विधानसभा में उनका नेतृत्व कर रहे हैं। हालांकि यह सब उस समय हुआ जब विधानसभा स्थगित हो चुकी थी और कांग्रेस के विधायक धरने पर बैठे हुए थे।
निलंबित विधायक और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जब अपने विधायकों को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने आसन की ओर यानी विधानसभा अध्यक्ष की सीट की ओर बाकायदा इशारा किया और जिस तरीके की बात बोली उसको देखकर तो हर कोई दंग रह गया कि किसी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष इस तरीके की भाषा का भी इस्तेमाल कर सकता है क्या? डोटासरा ने आसन की ओर इशारा करते हुए कहा की माफी मंगवाना चाहते हैं इसके बाप की जागीर नहीं है। माफी मांगे मेरा जूता। यह माफी लायक आदमी ही नहीं ।कक्ष में आश्वासन दिया था फिर यहां सदन चलाने आ गया।
डोटासरा यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, यहां आकर 295 नियम पढ़वा रहा है अभी इसका 295 पढ़वा देता हूं। अपनी पार्टी की महिला विधायकों को इंगित करते हुए उन्होंने कहा हमने कोई चूड़ियां नहीं पहन रखी है। चूड़ियां पहनने वाली तो यह रही। यही वह नहीं रुक उसके बाद उन्होंने कहा तू परमानेंट ही चला जा। जो सम्मान लायक नहीं उसे जूते से बात की जाती है। यह सीएम कि नहीं मान रहा। इसको कुर्सी पर नहीं बैठने देंगे।
इस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र पारीक ,सचिन पायलट, प्रतिपक्ष का नेता टीकाराम जूली, शांति धारीवाल, हरीश चौधरी, हरिमोहन शर्मा, रफीक खान, मनीष यादव, रतन देवासी ,मुकेश भाकर जैसे विधायक भी उस समय मौजूद थे। हालांकि दैनिक भास्कर से बातचीत में डोटासरा ने कहा कि उन्होंने तो सिर्फ डायलॉग बोला था इसलिए मैंने बोल दिया इसमें इतना परेशान होने की आवश्यकता नहीं है।