आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाना जरूरी है। हम अभियोजन वापसी के 19 जनवरी 2021 के आवेदन को वापस लेना चाहते हैं। इसके लिए ट्रायल कोर्ट में आवेदन किया जाएगा। इसकी कॉपी सरकार की ओर से शुक्रवार को हाईकोर्ट में पेश की गई।
इस पर हाईकोर्ट ने इसे रजिस्ट्री में प्रस्तुत करने और आवेदन की कॉपी आरोपियों को देने के निर्देश देते हुए सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह तक टाल दी।
इनके खिलाफ एसीबी कोर्ट में चालान पेश किया था। मामला बढ़ने पर विभाग ने 25 मई 2013 को एकल पट्टा निरस्त कर दिया था।
सरकार बदलते ही एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में की पेश प्रदेश में सरकार बदलते ही तत्कालीन गहलोत सरकार में एसीबी ने मामले में तीन क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी थी। तीनों क्लोजर रिपोर्ट में सरकार ने मामले में पूर्व आईएएस जीएस संधू, पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर और ओंकारमल सैनी को क्लीन चिट दी थी। इसके बाद सरकार ने साल 2021 में तीनों के खिलाफ मामला वापस लेने का आवेदन एसीबी कोर्ट मे दायर कर दिया। एसीबी कोर्ट ने खारिज कर दिया था आवेदन मामला वापस लेने के सरकार के आवेदन को एसीबी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद तीनों अधिकारियों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इनकी अपील पर 17 जनवरी 2023 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के संधू, दिवाकर और सैनी के खिलाफ केस वापस लेने को सही मान लिया।
इस आदेश के खिलाफ अशोक पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर 2024 को हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को खुद इस मामले की सुनवाई करने के लिए कहा। इस पर हाईकोर्ट सुनवाई कर रही है।