Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर ईआरसीपी को लेकर सत्ताधारी बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए. दरसअल, शनिवार सुबह जयपुर में मीडिया से बात करते हुए अशोक गहलोत ईआरसीपी को लेकर बोले की, ‘भारतीय जनता पार्टी ने ईआरसीपी का नाम बदलकर पीकेसी-ईआरसीपी कर दिया है. इसके तहत मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच एक नया समझौता भी हुआ है. इस एग्रीमेंट से राजस्थान की जनता को क्या लाभ मिलेगा? क्या राजस्थान के हित उस करार से सुरक्षित रहेंगे या नहीं? इसका फायदा राजस्थान को मिलेगा या मध्य प्रदेश को? इन सवालों के जवाब जानने का जनता को पूरा हक है. लेकिन मुझे आश्चर्य है कि लगातार मुख्यमंत्री से मांग करने के बाद भी बीजेपी सरकार इस नए समझौते को जनता के सामने नहीं रख रही।
गहलोत ने आगे बोले, ‘जब मैं राजस्थान का सीएम था, उस वक्त भी इसकी चर्चा हुई. लेकिन राजस्थान के हितों को ध्यान में रखते हुए मैंने इसके लिए मंजूरी नहीं दी थी. लेकिन भाजपा सरकार ने योजना का नाम बदलकर नया समझौता कर लिया. मुझे जानकारी मिली है कि पीकेसी-ईआरसीपी योजना में किसानों के लिए सिंचाई करने का कोई प्रावधान ही नहीं है. सिर्फ पीने के पानी पर बात की जा रही है. हालांकि ये प्रावधान पहले ईआरसीपी में था. इसीलिए हम इस गुप्त समझौते पर सवाल उठा रहे हैं. मैं अपने राजनीति करियर में पहली बार देख रहा हूं कि सरकारों के एग्रीमेंट भी गुप्त रखे जा रहे हैं. ये तो पब्लिक प्रोपर्टी हो जाते हैं.’
पूर्व सीएम ने बताया कि, ‘साल 2013 में हम यूपी सरकार की ओर से राजस्थान में रिफाइनरी प्रोजेक्ट लेकर आए थे. उस प्रोजेक्ट का शिलन्यास भी हो गया था. लेकिन कुछ समय बाद प्रदेश में सरकार बदल गई. जो नई सरकार आई उसने इस प्रोजेक्ट को 5 साल के लिए नजरअंदाज कर दिया. जब चुनाव नजदीक आए तो उन्होंने अपने राजनैतिक हितों की रक्षा करने के लिए घबराकर उस प्रोजेक्ट का काम शुरू किया. इस देरी के कारण 40 हजार करोड़ रुपये में होने वाला काम 80 हजार करोड़ रुपये में होगा, और अभी तक भी वो काम हुआ नहीं है. इसी तरह ERCP योजना भी 38 हजार करोड़ रुपये की थी. लेकिन देरी के कारण इसकी कॉस्ट बढ़ रही है. इसके लिए जिम्मेदार कौन है?’