Rajasthan news : झालावाड़ में राजमाता विजया राजे सिंधिया खेल स्कूल में राजमाता की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम का समापन हुआ। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। कार्यक्रम में मंच से बोलते हुए वसुंधरा राजे भावुक होती नज़र आई। उन्होंने राजमाता को स्मरण करते हुए कई यादगार किस्से साझा किए और झालावाड़ के भाजपा कार्यकर्ताओं व जनता का मूर्ति स्थापना के लिए आभार व्यक्त किया। वसुंधरा राजे ने कहा कि राजमाता विजया राजे सिंधिया ने पद की लालच को अपने मन में कभी नहीं रखा। जब पार्टी राजमाता विजया को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना चाहती थी उन्होंने तब अपने गुरु की स्वीकृति के बिना पार्टी का अध्यक्ष बनना मुनासिब नहीं समझा और गुरु के इनकार करने पर हंसते हुए पद से दूर रहने का मन बना लिया।
राजे ने बताया कि जब राजमाता सिंधिया के अंतिम समय में वो अपनी आंखें नहीं खोल रही थी, उस समय जब भाजपा की सरकार बानी और अटल बिहारी बाजपेई और लालकृष्ण आडवाणी उनसे मिलने आए , तब अटल जी ने राजमाता के करीब जाकर कहा कि राजमाता मैं अटल बिहारी और मेरे साथ लालकृष्ण आडवाणी आए हैं और हम चुनाव जीत चुके हैं और हमारी सरकार बन रही हैं। इतना सुनने के बाद उन्होंने बीमारी के दौरान पहली बार अपनी आँखे खोली और कहा कि उनके जीवन का जो सपना आज पूरा हो गया।
राजे ने कहा कि झालावाड़ उनके लिए परिवार जैसा है, जहां की जनता ने न सिर्फ उन्हें बल्कि दुष्यंत को भी अपार स्नेह और सम्मान दिया है। उनका इस क्षेत्र से 36 वर्षों का जुड़ाव है, जबकि दुष्यंत सिंह को भी यहां के लोगों का प्रेम और सहयोग पिछले दो साल से अधिक समय से मिल रहा है।
वसुंधरा राजे ने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों को याद करते हुए भरोसा दिलाया कि वे आगे भी क्षेत्र की भलाई के लिए काम करती रहेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि राजमाता ने उन्हें यह सिखाया कि सभी को साथ लेकर चलना ही सच्चा नेतृत्व है।