उद्योग, सेवा, व्यापार, डेयरी, कृषि आधारित उद्यम आदि समस्त क्षेत्रों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
1.आवेदन भरने के लिए जिला कार्यालय महिला अधिकारिता में प्रतिमाह विशेष शिविर लगाए जाते हैं। उसमें जाकर प्रक्रिया को समझा जा सकता है।2.आवेदन में समस्त सूचना सही-सही भरनी होगी, ताकि उद्योग के संचालन में भी सुविधा होगी।
3.आवेदन की महिला अधिकारिता द्वारा अभिशंषा के बाद भी ऋण की अंतिम स्वीकृति बैंक द्वारा होती है, अत: संबंधित बैंक से भी समन्वय ऱखना होगा।
4.बैंक या महिला अधिकारिता द्वारा अच्छे प्रोजेक्ट की स्वीकृति में वरीयता दी जाती है। प्रोजेक्ट में भूमि, भवन या अपने संसाधनों से भी पूँजी लगाई जाती है, तो प्रोजेक्ट सरलता से स्वीकृत हो जाते हैं।
5.स्वीकृत ऋण पर 25% अनुदान मिलता है । विशेष श्रेणी – विधवा/ परित्यक्ता/ हिंसा से पीड़ित महिला, दिव्यांग एवं अनुसूचित जाति/ जन जाति के आवेदकों को 30% ऋण अनुदान सरकार देती है।
6.पूर्व से स्थापित उद्यम/ सेवा उपक्रमों को विस्तार/ विविधीकरण/ आधुनिकीकरण हेतु आवेदन करने से पहले उद्योग आधार लेना जरुरी है।
7.आवेदन के साथ पुष्टि के लिए संबंधित दस्तावेज अपलोड करना जरूरी है।
8.आवेदन भरने के बाद जब तक कोई आने की सूचना ना दें, तब तक विभाग के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। 10 लाख रुपए तक के ऋण कायार्लय स्तर पर ही निपटा दिए जाते हैं।
10.आवेदन के बाद अलग-अलग चरणों में एसएमएस से सरकार सूचना भेजेगी।11.आवेदन की प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर आने वाली अनुचित माँग या अन्य शिकायत की सूचना 181 पोर्टल या हेल्पलाइन पर कर सकते हैं।