Mandi Tribe Tradition of Bangladesh : दुनियाभर में अलग-अलग प्रजातियों के लोग रहते है, जिनका रहन-सहन, खान-पान और परपराओं में भी भिन्नता होती है। आज हम एक ऐसी ही जनजाति की बात करने जा रहे है, जो बांग्लादेश के दूरदराज इलाकों में निवास करती है। इस समुदाय को मंडी जनजाति के नाम से जाना जाता है। मंडी जनजाति के अंदर प्रचलित एक पुरानी प्रथा है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ चुकी है, जो चर्चा का विषय है।
बांग्लादेश की मंडी जनजाति में एक ऐसी प्रथा है, जिसमें सौतेले पिता अपनी सौतेली बेटियों से विवाह करते हैं। दुनिया भर में विवाह को दो लोगों और दो परिवारों के मिलन के रूप में देखा जाता है। लेकिन मंडी जनजाति की ये परंपरा दुनिया की नज़रों में अब चर्चा का और विवाद का भी विषय बन गई है।
सौतेला पिता से होता है बेटी का विवाह
हालांकि, मंडी समुदाय में यह परंपरा आमतौर पर बायोलॉजिकल पिता और बेटी के बीच नहीं होती। इसमें एक विधवा महिला अगर दोबारा विवाह करती है, और उसकी बेटी किशोरावस्था में आ जाती है, तो उसका सौतेला पिता अपनी उसी बेटी से विवाह कर सकता है। समुदाय के लोगों का मानना है कि, ऐसा करने पर महिलाओं और बच्चियों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मिल जाती है। साथ ही संपत्ति और परिवार की सत्ता भी घर की घर में ही बनी रहती है।
आधुनिक दौर में बदल रही युवा सोच
मंडी जनजाति की इस प्रथा के बारे में आलोचकों का कहना है कि, यह परंपरा महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है। बताया जाता है कि, कई बार तो यह विवबाह जबरन करवाया जाता है, जिससे बेटी को मानसिक और शारीरिक आघात पहुंचता है। हालाँकि, समय के साथ मंडी समुदाय के बच्चे भी शिक्षा हासिल कर आगे बढ़ रहे है और इन्हीं कुप्रथाओं को अस्वीकार कर रहे है। वे शहरों की ओर पलायन कर अपना जीवन खुद चुन रहे है।
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