Rajasthan news : राजस्थान में भजन लाल सरकार ने टोंक जिले के समरावता गांव में विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा के पीड़ितों को आर्थिक मदद देने की मंजूरी दी है। इस मामले में पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। इस दौरान आयोग ने 30 दिनों के अंदर प्रशासन और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने की सिफारिश की है और सरकार से इस पर जवाब भी मांगा है। जिसमें घायल गुन्ना लाल के पुत्र संजय मीणा, दयाराम की पत्नी राजंती मीणा , आशाराम के पुत्र बलराम , जगदीश के पुत्र फूलचन्द, छीतर के पुत्र कजोड़ , प्रेमराज के पुत्र दिलहाग और रामनिवास के पुत्र मीठालाल शामिल है।
इस घटना में आग से जलकर नष्ट हुए दोपहिया वाहनों के मालिकों को 30-30 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। वहीं, चारपहिया वाहन मालिकों को एक-एक लाख रुपए की मदद मंजूर की गई है। इसके अलावा, चल और अचल संपत्तियों को हुए नुकसान के लिए 50 हजार और 25 हजार रुपए की सहायता राशि स्वीकृत की गई है।
2 अप्रैल 2025 को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की अध्यक्ष निरूपम चमका की अगुवाई वाली कमेटी ने राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए गए थे और सरकार से 30 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया था। इसके अलावा, एसडीएम पर जबरन वोट डलवाने के भी आरोप लगाए गए हैं।
आपको बतादे कि 13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के मतदान के दौरान नरेश मीना ने जबरन वोटिंग के आरोप लगाते हुए एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। जिसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था। समर्थक नरेश मीना को पुलिस की हिरासत से छुड़ाकर ले गए। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव का भी आरोप लगाया था। इस घटना में कई गाड़ियों में आग लगा दी गई। अगले दिन पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार किया और ग्रामीणों पर कार्रवाई की थी।