Rajasthan Tourism: चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से करीब 6 किलोमीटर की दूरी पर ‘राणा कुंभा पैलेस’ स्थित है। यह महल चित्तौड़गढ़ किला परिसर के अंदर विजय स्तंभ के पास स्थित है, जहां घूमने के लिए देश-विदेश से पर्यटक पहुंचते है। इसे चित्तौड़गढ़ किले के अंदर घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक माना जाता है। राणा कुंभा पैलेस (Rana Kumbha Palace Chittorgarh) के इतिहास को खंगाला जाए, तो कई रहस्यमयी कहानियां जानने को मिलेंगी।
रानी पद्मिनी से मिली पहचान
734 ईस्वी में बप्पा रावल ने इस महल का निर्माण करवाया था और बाद में महाराणा कुंभा ने इसका पुनर्निर्माण करवाया। चित्तौड़गढ़ का यह ‘राणा कुंभा पैलेस’ रानी पद्मिनी की कथा के लिए भी जाना जाता है। रानी पद्मिनी वहीं थी, जिन्होंने दिल्ली के सुल्तान रहे अलाउद्दीन खिलजी से स्वयं को बचाने के लिए सैंकड़ों महिलाओं के साथ आत्मदाह किया था। बताया जाता है कि, आज भी महल में उन सभी महिलाओं की आत्माएं भटकती है, जिन्हें अभी शांति नहीं मिली है।
राणा कुंभा पैलेस को करीब से जानने वाले स्थानीय लोग बताते है कि, महल में आज भी उन सैंकड़ों महिलाओं की चीखने और चिल्लाने की आवाज सुनाई पड़ती है। कुछ लोगों का तो दावा है कि, उन्होंने जले हुए चेहरे के साथ रानी की तरह कपड़े पहने एक महिला को महल परिसर में घूमते हुए भी देखा है।
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पर्यटकों की पसंद बना यह महल
इन सब किस्से और कहानियों के बावजूद चित्तौड़गढ़ का यह ‘राणा कुंभा पैलेस’ पर्यटकों की पसंद बना हुआ है। हर साल हजारों देशी-विदेशी पर्यटक महल का दीदार करने यहां पहुंचते है। आप भी यदि चित्तौड़गढ़ जाने की योजना बना रहे हैं, तो राणा कुंभा पैलेस को अपनी आंखों और कैमरों में क्लिक करना न भूलें।
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