डा. उरुक्रम शर्मा
जयपुर. राजस्थान में अब बिना रूपांतरण के किसी भी जमीन और मकान की रजिस्ट्री नहीं होगी। साथ ही जिन प्लाटों की 90ए नहीं हुई है, उनकी भी रजिस्ट्री नहीं होगी। यानि साफ है कि सोसायटी के पट्टों की रजिस्ट्री का सरकार ने रास्ता बंद कर दिया है। सरकार ने पंजीयन कानून में संशोधन के बाद इसके आदेश जारी कर दिए गए। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करने के बाद बिना कंवर्जन और 90 ए की रजिस्ट्री कर दी तो सीधे तौर पर उप रजिस्ट्रार जिम्मेदार होगा
सोसाइटी पट्टे के रजिस्ट्रेशन के समय अब भूखंड मालिक को यह बताना होगा कि उसे जिस जमीन पर प्लॉट खरीदा है, उसका कन्वर्जन हो गया है अथवा वह 90ए में शामिल हो गई है।
जमीन माफिया अब घुसेंगे बिलों में, नहीं तो होगी जेल
इस आदेश के पीछे सरकार की इच्छा साफ है किअवैध तरीके से सरकारी जमीन, एससी-एसटी की जमीन, कृषि भूमि का बेचान नहीं हो। जनता को मूर्ख बनाकर गलत तरह से जमीन का सौदा नहीं होगा।
काश्तकारी अधिनियम के तहत एससी-एसटी की जमीन केवल एससी-एसटी के व्यक्ति को ही बेची जा सकती है। लेकिन कई सोसाइटी वाले एससी-एसटी की जमीन खरीदकर बिना कन्वर्जन के ही उस पर प्लाट काट कर बेच देते हैं। बाद में जब खरीदार को पता चलता है तो वो चक्कर ही काटता रहता है। इससे बचने के लिए सरकार ने रजिस्ट्रेशन एक्ट में संशोधन को लागू कर दिया है।
प्लाटधारी असमंजस में
दरअसल, इस आदेश के बाद रजिस्ट्री ऑफिसों में गफलत की स्थिति बन गई है। उप रजिस्ट्रार अब उन्हीं सोसाइटी पट्टों की रजिस्ट्री कर रहे हैं, जिन पट्टों के साथ भू-मालिक कन्वर्जन और 90ए का सबूत देंगे।
ऐसे में उन लोगों की मुसीबत बढ़ गई है, जिन्होंने सोसाइटी से प्लॉट खरीद लिए हैं। अगर सोसाइटी उन्हें कन्वर्जन और 90ए के दस्तावेज नहीं देती है तो उन्हें अब जिला प्रशासन और जेडीए से कन्वर्जन और 90ए के कागजात लेने होंगे।
इस आदेश का रजिस्ट्री ऑफिस में काम करने वाले वकीलों ने भी विरोध किया है। वकीलों का कहना है कि इससे आमजन की परेशानी बढ़ेगी।
सरकार का खजाना भरेगा
प्रदेश के रजिस्ट्रेशन ऑफिस में करीब 60 प्रतिशत सोसाइटी पट्टों की रजिस्ट्री होती हैं। इस आदेश के बाद अब प्रदेशभर में सोसाइटी कन्वर्जन और 90ए के बाद ही कॉलोनी काटेगी। ऐसे में कन्वर्जन चार्जेज और 90ए कराने के बदले सरकार को अधिक आमदनी होगी। वहीं जमीनों के खरीद-बेचान मे होने वाले विवादों में भी कमी आएगी।