SCIENCE NEWS: कोल्ड मून का दीदार हम सभी साल में एक बार करते है लेकिन हम में से ज्यादा लोगो को पता नहीं होता की हमने कोल्ड मून को देख भी लिया क्योकि हम लोगो को यही नहीं पता होती की आखिर कोल्ड मून है क्या? आज इस आर्टिकल में आपको तफ़सील से बताएंगे की आखिर कोल्ड मून होता क्या है.
कोल्ड मून साल की आखिरी पूर्णिमा को दर्शाता है और यह सर्दियों की शुरुआत का भी प्रतीक समझा जाता है. आम तौर पर कोल्ड मून साल की सबसे लंबी रात यानी 21 दिसंबर के आस-पास नजर आता है. नासा के मुताबिक, इस बार कोल्ड मून रविवार 15 दिसंबर को सुबह 4:02 बजे EST पर और भारतीय समयानुसार दोपहर 2:32 बजे चंद्रमा अपने पूर्ण चरम पर होगा. इस खगोलीय घटना को पूर्वी आकाश में उगते हुए सबसे अच्छी तरह से देखा जा सकता है.
कोल्ड मून एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसमें चांद करीब 99.5 प्रतिशत दिखाई देगा. कोल्ड मून शब्द अमेरिकी और यूरोपीय घटनाओं से लिया गया है. कोल्ड मून जिसे ‘लॉन्ग नाइट मून’ भी कहा जाता है, दिसंबर महीने में रात की लंबाई को भी दर्शाता है. दरअसल दिसंबर के महीने में ज्यादा समय रात में करीब 15 घंटे अंधेरा रहता है.
वही कोल्ड मून का सांस्कृतिक महत्व इसकी विरासत को और समृद्ध करता है, मोहॉक संस्कृति ने कोल्ड मून शब्द गढ़ा है, जबकि अन्य मूल अमेरिकी जनजातियों ने इसे ड्रिफ्ट क्लियरिंग मून, स्नो मून या विंटर मेकर मून के तौर पर दर्ज किया है. इसके अलावा सेल्टिक परंपराएं इसे ओक मून या लॉन्ग नाइट्स मून कहती हैं, जो मौसम के ठंडे आकर्षण का प्रतीक है. कोल्ड के बाद आने वाली पूर्णिमा भी खास होती है. नए साल की पहली पूर्णिमा को वुल्फ मून के नाम से जाना जाता है. वुल्फ मून साल 2025 में 13 जनवरी को देखा जाएगा.
आम तौर पर कोल्ड मून को देखने के लिए किसी यंत्र की जरूरत नहीं होती है लेकिन अगर इसकी चमक और सतह को बेहतर तरीके से देखना है तो दूरबीन या छोटे टेलिस्कोप का इस्तेमाल किया जा सकता है.