Israel and Iran War: इज़राइल ने 13 जून को ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया है, जिसमें इज़राइल ने परमाणु सुविधाओं, मिसाइल कारखानों, सैन्य स्थलों को निशाना बनाकर ईरान की राजधानी तेहरान के आस-पास में हवाई हमला किया है। क्योकि तेहरान और नतांज़ को परमाणु हथियार बने से रोकने के लिए हमला किया गया था। इज़राइल नहीं चाहता इनके पास में किसी भी प्रकार के हथियार मौजूद नहीं हो।
क्या चाहता है इज़राइल ईरान से
(Israel fighting Iran)
(Israel fighting Iran)
इज़राइल और ईरान की लड़ाई का मुख्य कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम है। इज़राइल हमेशा से ही शक्ति के मामले में सबसे आगे रहा है। लेकिन इज़राइल को इस बात पर गुस्सा आ रहा है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने जा रहा है। परन्तु ईरान इस बात के लिए साफ़ मना कर रहा है, हम कोई भी परमाणु हथियार नहीं बना रहे है।
इज़राइल पहले से कर रहा था तैयारी
(Israel was already prepared for war)
(Israel was already prepared for war)
इजरायल पहले से ही ईरान के खिलाफ तैयारी कर रखा था। और यह बात ईरान को पता भी नहीं चली कि, इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने ईरान के अंदर गुप्त तरीके से कुछ ऑपरेशन चलाए थे। इजराइल के डिफेंस सिस्टम के अधिकारियों ने कहा- इजराइल एक या दो हफ्ते के अंदर ही ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के ऊपर अपना अधिकार कर लेगा। लेकिन हम और हमारा चैनल इस बात की पुष्टि नहीं करता है
अमेरिका दे रहा है किसका साथ
(Who is America supporting between Israel and Iran)
(Who is America supporting between Israel and Iran)
अमेरिका को विश्व की एक मात्र महाशक्ति कहा जाता है, जो की बेहद ताकतवर है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि यह महाशक्ति भी इज़राइल का साथ दे रही है। और उसकी मदद के लिए अपनी और से लड़ाकू विमान भेज रहे है। मिडिया रिपोट्स से पता चला है कि, f -16, f -22, और f -35 विमान भी शामिल है। लेकिन इनका उपयोग ड्रोन और प्रोजेक्टाइल को मार गिराने के लिए किया जाता है।