Rajasthan Politics; हरियाणा और महाराष्ट्र की हार के बाद से ही कांग्रेस पार्टी मंथन में जुटी हुई है, ऐसे में 16 दिसंबर यानि सोमवार को राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रदेश कार्यालय में पदाधिकारियों की बैठक ली, बैठक में सब कुछ ठीक चल रहा था। डोटासरा पदाधिकारियों से बोले सभी को एक साथ मज़बूती से काम करना है। लेकिन फिर बीच में सालो पुराना एक किस्सा खुल गया हम बात कर रहे है पायलट और गहलोत के किस्से की ।
दरअसल बैठक के बीच पायलट समर्थक नेताओं को घटका बैठक में लगा बैनर वजह थी बैनर पर पायलट की तस्वीर न होना । जोधपुर के कांग्रेस प्रदेश सचिव नरपत राम पन्नू डोटासरा से बोले “आप एकजुटता की बात कर रहे हो, लेकिन कार्यालय में ही लगे पोस्टर में राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट और भंवर जितेंद्र सिंह की फोटो नहीं लगाई गई” पन्नू आगे बोले “इन दोनों नेताओं की तस्वीर लगानी चाहिए थी. आखिर क्यों नहीं लगाई गई?” जैसे ही पन्नू ने यह बात कही उसके बाद अध्यक्ष डोटासरा बोले “बैठ जाइए, जिसे काम करना है वो करे नहीं तो हटा दिया जाएगा”. बताते चले कार्यालय में लगी कुर्सियों में सबसे आगे वाली कुर्सी पर नरपत राम पन्नू बैठे थे, लेकिन किसी ने उनसे कहा यहां प्रदेश उपाध्यक्ष बैठते हैं, आप पीछे बैठ जाइए. इसके बाद पन्नू उठे और पीछे आकर बैठ गए।
वहीं बैठक के दौरान जब पीछे वाली कुर्सी पर बैठे नरपत राम पन्नू और कांग्रेस सचिव विभा माथुर बात करने लगे, तो गोविन्द सिंह बोले “आप लोग पार्टी के खिलाफ क्यों काम कर रहे हैं?” इसी पर विभा बोली , “आप किस पर यह आरोप लगा रहे हैं. हमारी चार पीढ़ी कांग्रेस से जुड़ी है. आपका यह कहना ठीक नहीं है. इस बीच थोड़ी नोकझोंक भी हो गई.” वही डोटासरा यहा तक बोले की आप बीजेपी का काम मत कीजिए सब नेता एक है हम पायलट साहब के विरोधी नहीं है”
बताते चले बैठक भले ही खत्म हो गई, लेकिन इतनी कड़ाके की ठंड में भी उसकी तपिश बरक़रार है। इसकी वजह ये है कि विभा माथुर के नाना शिवचरण माथुर राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हैं। इसलिए विभा माथुर की इस घटना ने सियासी पारा बढ़ा दिया है। विधानसभा चुनाव से पहले भी विभा माथुर और उनके परिवार से राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने मुलाकात की थी। बता दे हालांकि, कांग्रेस के मीडिया प्रभारी स्वर्णिम चतुर्वेदी का कहना है कि सब ठीक है।