Dr. Manmohan Singh: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन पर केंद्र सरकार ने पूरे देश में 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है. इस दौरान पूरे भारत में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को एक पत्र भेजते हुए कहा है कि 26 दिसंबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा.
बता दे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का राजस्थान से भी नाता रहा है. वे आखिरी बार राजस्थान से ही राज्यसभा सांसद चुने गए थे. साल 2019 में वह सदन में निर्विरोध सदस्य चुने गए थे. बीजेपी के राज्यसभा सदस्य रहे मदनलाल सैनी के निधन के बाद राजस्थान में यह सीट खाली हुई थी. इसके बाद बीजेपी की ओर से नामांकन नहीं दाखिल किया गया था, जिसके चलते उन्हें निर्विरोध सांसद चुना गया.
इससे पहले वे असम से पांच बार राज्यसभा सदस्य रहे थे. जब राजस्थान में कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार उतारने की बारी आई तो पार्टी ने उन्हें चुना. उनके नाम के ऐलान के वक़्त राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट का खेमा एकजुट था. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मनमोहन सिंह के नामांकन से लेकर सारा काम खुद देखा. जबकि सचिन पायलट उस दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे. उन्होंने सभी विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश की.
वही साल 2019 में राज्यसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में अशोक गहलोत की सरकार थी. कांग्रेस के पास 100 से ज्यादा विधायक थे. ऐसे में मनमोहन सिंह की जीत हुई थी. बीजेपी ने संख्या बल के चलते कांग्रेस और मनमोहन सिंह के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. हालांकि मनमोहन सिंह का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा गया. जबकि राजस्थान कांग्रेस चाहती थी कि मनमोहन सिंह को राजस्थान में दोबारा मौका मिले.