Jaipur News: गुलाबी नगरी जयपुर विश्व में अपनी संस्कृति और आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने के लिए जानी जाती है। आधुनिक युग में समय अनुसार अपनी विरासत को भव्य बनाते हुए नई पीढ़ी भी इस कार्य में जुड़ी हुई है। जयपुर में रामलीला का एक समृद्ध इतिहास रहा है, जिसे इस वर्ष एक भव्य एवं आधुनिक स्वरूप देते हुए दिनांक 3 से 12 अक्टूबर 2024 को रामलीला मैदान में रामलीला का मंचन किया जाएगा।
रामलीला मंचन के दौरान 12 अक्टूबर को 50 फुट के रावण का दहन किया जाएगा। इस वर्ष यह आयोजन सनातन धर्म महोत्सव समिति द्वारा आयोजित किया जाएगा, जिसमें समाज एवं आध्यात्मिक जगत के लोग जुड़े हुए हैं। रामलीला महोत्सव में इस बार मुख्य आकर्षण के रूप में मेले का आयोजन किया जाएगा।
मेले में खाने पीने की स्टाल के साथ बच्चों के लिए मनोरंजक झूलो का भी स्थान होगा। साथ ही रामलीला को जन-जन तक पहुंचाने के लिए दिनांक 6 अक्टूबर 2024 को जब राम विवाह का प्रसंग का मंचन होगा। उससे पूर्व जयपुर में प्रथम बार राम, भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न की बारात निकाली जाएगी। यह बारात जयपुर के प्राचीन रामचंद्र जी के मंदिर चांदपोल बाजार से प्रारंभ होकर छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, बापू बाजार, न्यू गेट होती हुई रामलीला मैदान पर पहुंचेगी। जयपुर के नगर वासी भगवान श्री राम की इस बारात की साक्षी बनेंगे एवं जगह-जगह पर बारात का स्वागत भी करेंगे।
विभिन्न सांस्कृतिक व सामाजिक संगठनों के साथ विशिष्ट नागरिकों को इस रामलीला महोत्सव से जोड़ा गया है। प्रत्येक दिवस रामलीला के मंचन के साक्षी बनने के लिए साधु संतों का आगमन भी होगा। जिससे जयपुर नगर के नागरिकों को राम कथा के साथ-साथ संत समागम का शुभ दृश्य देखने को मिलेगा।
समारोह के प्रचार हेतु संस्था के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं द्वारा जयपुर के विभिन्न मंदिरों, सामाजिक संगठनों से पोस्टर विमोचन का कार्य करवाया गया है तथा उन्हें आमंत्रित भी किया है। रामलीला में रामायण के प्रसंग का मंचन करने के लिए मथुरा से भारत के प्रसिद्ध कलाकारों का दल आया है।
मंचन का क्रम इस प्रकार रहेगा –
- 3 अक्टूबर गणेश पूजन, नारद मोह लीला, राम जन्म
- 4 अक्टूबर विश्वामित्र आगमन, अहिल्या उद्धार, ताड़का वध, फुलवारी
- 5 अक्टूबर धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद
- 6 अक्टूबर राम बारात एवं राम विवाह
- 7 अक्टूबर दशरथ कैकई संवाद, वन गमन, भारत आगमन, सुमंत विदाई, केवट लीला, दशरथ मरण
- 8 अक्टूबर भारत मिलाप, सीता हरण
- 9 अक्टूबर शबरी मिलन, हनुमान मिलन, बाली वध, लंका दहन
- 10 अक्टूबर रामेश्वर स्थापना, अंगद रावण संवाद, विभीषण सारण गति
- 11 अक्टूबर कुंभकरण वध, लक्ष्मण शक्ति, मेघनाथ वध
- 12 अक्टूबर अहिरावण वध, रावण वध, भारत मिलाप, श्री राम राज्याभिषेक