Rajasthan Politics News in Hindi: राजस्थान में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirori Lal Meena) का फ़ोन टैपिंग मामला थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। इस दौरान बीजेपी ने उनके आरापों के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसपर किरोड़ी ने जवाब भी दिया। फ़ोन टैपिंग मामले का बवाल ठंडा हुआ भी नहीं था कि, उससे पहले फिर किरोड़ी बाबा ने फ़ोन टैपिंग की बात उठायी।
मंत्री किरोड़ी ने क्या कहा-
जालौर के रानीवाड़ा में एक कार्यक्रम में किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि, अब तक मेरा फ़ोन टेप किया जा रहा हैं अब तो इसे बंद होना चाहिए। किरोड़ी लाल मीणा ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि, मेरा सरकार से टंटा चल रहा हैं, पर कई लोग कहते की आप टंटा क्यों करते हो? आपको पावर मिला हैं, उसको यूज़ करो। लेकिन मैं ऐसी पावर को नहीं मानता हूँ। मुख्यमंत्री से कहा था कि, चाहे थानेदार का मामला हो, डॉक्टर का हो… मछली पकड़ी गई है, लेकिन मगरमच्छ नहीं पकड़े गए, उन्हें पकड़ो। मेरी नज़र में यह किसी भी तरह से अनुशासनहीनता नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि, इंदिरा गाँधी के समय मेरे पीछे हंमेशा CID रहती थी। मेरा टेलीफोन रिकॉर्ड होता था। पहले के अधिकारी अभी तक बैठे हैं, मेरा टेलीफोन रिकॉर्ड कर रहे हैं. और आज भी फोन रिकॉर्ड हो रहा है। यह बात मुझे घर में बतानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि, छोटी सी गलती हुई, लेकिन अगर कोई भ्रष्टाचार फैलाएगा, चाहे मेरा भाई क्यों न हो, उसको भी मैं छोड़ने वाला नहीं हूं। इससे पहले किरोड़ी लाल मीणा के आरोपों पर विधानसभा में सरकार की तरफ से दिए गए जवाब में गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा था कि, किरोड़ी लाल मीणा का फोन टैप नहीं हुआ है। सरकार के जवाब के चौथे दिन ही किरोड़ी लाल ने फिर इस फ़ोन टैपिंग की बात दोहरा दी। किरोड़ी ने कहा कि, मैंने सिर्फ यह कहा कि, मेरा फ़ोन टेप किया जा रहा हैं और मेरे पीछे CID लगाई जा रही हैं और पिछले राज के अधिकारी ज्यों के त्यों बैठे हैं।
मिल चुका है कारण बताओ नोटिस
आपको बता दें कि, इससे पहले भी फ़ोन टैपिंग के दावे के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने किरोड़ी लाल मीणा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि, भाजपा पर लगाए फ़ोन टैपिंग के इलज़ाम गलत है। ऐसे सार्वजनिक रूप से बयान देकर भाजपा सरकार की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचने का काम किया हैं। ऐसे में आपके बयान को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी के संविधान के हिसाब से अनुशासनहीनता माना है।