Naresh Meena Thappad Kand: राजस्थान के टोंक जिले में हुए थप्पड़ कांड की गूंज साल 2024 के बाद 2025 में भी जारी है। जेल में बंद नरेश मीणा को बाहर लाने के लिए अब सियासत तेज हो रही है। इसी बीच थप्पड़ कांड में अब नरेश के बेटे अनिरुद्ध की भी एंट्री हो गई है। अनिरुद्ध ने भजनलाल सरकार पर तगड़ा निशाना साधते हुए कहा है कि, घटना के दिन पुलिस उसके पापा का एनकाउंटर करवाना चाहती थी। यह सरकार उसके पापा को हमेशा के लिए जेल में रखना चाहती है। गौरतलब है कि, उपचुनाव के दिन समरावता गांव में हुई हिंसा को लेकर मामला अभी कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में कांग्रेस के बागी और निर्दलीय विधायक प्रत्याशी रहे नरेश मीणा अभी भी टोंक जिले में बंद है। समरावता में हुए थप्पड़ कांड को करीब 4 महीने का समय बीत चुका है।
25 फरवरी को होगा विधानसभा घेराव
नरेश मीणा की रिहाई के लिए टोंक जिले के अलग-अलग गांवो में महापंचायत बुलाई जा रही है। नरेश के समर्थक भी उनकी रिहाई की मांग को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे है। साथ ही सरकार के खिलाफ अपने-अपने तरीके से विरोध भी प्रकट कर रहे है, लेकिन अभी तक न्यायिक जांच शुरू नहीं हुयी है। इस बीच नरेश मीणा का नाबालिग बेटा अनिरुद्ध अपने पिता के समर्थकों, परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों के साथ मिलकर घर-घर जाकर पीले चावल बांट रहा है। ये पीले चावल इसलिए बांटे जा रहे है, क्योंकि नरेश समर्थकों ने 25 फरवरी को जयपुर आकर विधानसभा का घेराव करने की चेतावनी दी है।
घेराव के दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे प्रहलाद गुंजल और अन्य कांग्रेसी कार्यकर्त्ता भी उपस्थित रहने वाले है। नरेश समर्थकों की मांग है कि, 13 नवंबर की रात समरावता में हुए उपद्रव के दौरान निर्दोष लोगों पर जो झूठे मुक़दमे दर्ज किये गए है, उन्हें वापस लिया जाए। साथ ही घरों में घुसकर निर्दोष लोगों, महिलाओं और बच्चों पर जुल्म करने वाले आरोपी पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए। आपको बता दें, 25 फरवरी को किये जाने वाले विधानसभा घेराव को लेकर जो पोस्टर जारी किये गए है, उसमें स्पष्ट लिखा है कि, ‘यह घेराव सर्व समाज 36 कॉम की तरफ से किया जा रहा है। ‘चलिए
प्रदर्शनकारियों की 6 बड़ी मांग
- – जांच आयोग का गठन कर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में पूरे घटनाक्रम की जांच हो।
- – समरावता में जले वाहन और सामान की गणना करवा कर उसकी दुगुनी राशि पीड़ितों को मिलें।
- – निर्दोष लोगों पर प्रशासन द्वारा की गई FIR को वापस लें और दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करें।
- – गांव में हुई जान-माल की भरपाई हेतु कम से कम 5 लाख का उचित मुआवजा पीड़ितों को देवें।
- – पीड़ित लोगों और उनके परिवारों की रिपोर्ट दर्ज कर उसकी CBI से जांच करवाई जाएं।
- – सरकार अपनी तरफ से भी स्वविवेक से उचित राहत एवं सहायता पीड़ित परिवारों को देवें।
सरकार के विरोध में उतरे इंदिरा मीणा और सचिन पायलट
आपको बता दें, बीते दिनों कांग्रेस की बामनवास विधायक इंदिरा मीणा ने जेल में बंद नरेश मीणा से मुलाक़ात की थी। इसके बाद विधानसभा में भी समरावता गांव में हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग उठायी थी। बीते दिनों, हाल ही में पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समरावता वाले मामले में जांच को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठा चुके है।
बाबा किरोड़ी ने पूरे मामले से खुद को किया दूर
इसी बीच राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने सोशल मीडिया X पर पोस्ट कर नया मामला छेड़ दिया है। उन्होंने लिखा है, ‘मैं जनता के सहयोग के लिए 3 बार समरावता गया। जेल में आंदोलनकारियों से भी मिला। अब आंदोलनकारी विधानसभा का घेराव करने वाले हैं। कृपया इससे जुड़े बैनर-पोस्टरों में मेरे फोटो व पुराने वीडियो आदि का उपयोग नहीं करें, … क्योंकि मैं सरकार का हिस्सा हूं। इससे मुझे समस्या खड़ी हो सकती है।’
गौरतलब है कि, समरावता गांव में हुए थप्पड़ कांड में तोड़फोड़ की खबरें सामने आई थी। इस मामले में पुलिस ने नरेश मीणा समेत कुल 62 लोगों को गिरफ्तार किया था। पूरे मामले की सुनवाई टोंक जिला एवं सत्र न्यायालय में चल रही है। इसी बीच समरावता कांड में 38 आरोपियों की जमानत को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 3 जनवरी को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उनकी जमानत याचिका स्वीकार कर ली थी। 6 जनवरी को टोंक जिला एवं सत्र न्यायालय ने अन्य 18 आरोपियों की जमानत याचिका स्वीकार कर उन्हें रिहा कर दिया था। अब इस मामले में केवल नरेश मीणा ही जेल में है।