Opinion by Dr Urukram Sharma on Digital World : बधाई और अनंत शुभकामना, हिंदुस्तान की सरकार को। भारत में डिजिटल के नाम पर खुली छूट का जिस तरह दुरुपयोग किया जा रहा है, उस पर अंकुश लगाना निश्चित रूप से भारत के भविष्य को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है। ये बहुत पहले किया जाता तो बहुत नुकसान होने से बचा जा सकता था। खैर देर आए दुरुस्त आए।
मोदी सरकार ने इस दिशा में कम शुरू किया और जल्द धरातल पर इसका असर देखने को मिलेगा। यूट्यूब, ओटीटी, फेसबुक, इंस्टा आदि आदि सोशल प्लेटफॉर्म पर जिस तरह से अश्लिलता का नंगा नाच मचा रखा है, उस से भारत के भविष्य को कितना नुकसान हो रहा है, उस बारे में ये लोग सोचते तक नहीं है। सिर्फ व्यूज के चक्कर में गंदगी पड़ोसी जा रही है। नफरत फैलाने वाले कंटेंट दंगे तक करवा देते हैं।
झूठी जानकारी से माहौल बिगड़ने का काम किया जाता है। भारतंकी संस्कृति, परंपरा का जिस तरह से अपमान किया जा रहा है, वो किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। धर्म की जानकारी के बगैर सनातन धर्म के देवी देवताओं के बारे में आपत्तिजनक कंटेंट और कमेंट अपलोड किए जा रहे हैं। भारत के इतिहास को गलत तरह से पेश किया जा रहा है। खुले तौर पर गाली गलौज के साथ डिजिटल पर बातें की जा रही है।
मां, बेटी और बहनों के बारे में नहीं बल्कि माता पिता के संबंधों के बारे में इस तरह से बातें की जा रही है, सिर शर्म से झुक जाता है, लेकिन पॉपुलैरिटी के चक्कर में इन लोगों पर कोई असर नहीं होता है। बदलाव निश्चित रूप से वल्गैरिटी पर रोक लगाने में सफल होगा।
इस बदलाव से जब सजा मिलना शुरू होगी तो दूसरों को भी सबक मिलेगा, मिसाल कायम होगी ताकि दूसरा गलती नहीं करे। मोबाइल में सब कुछ है और बच्चे बच्चे के हाथ में मोबाइल है। बड़े बड़े अपराध इसी तरह के कंटेंट देखने के बाद हुए है। किशोर वर्ग के बच्चों बच्चियों पर नकारात्मक कंटेंट का पहले असर होता है और वो उसी हिसाब से करने की कोशिश करते हैं , परिणाम फिर सबके सामने होते है।
राजस्थान के विजयनगर का अश्लील कांड इसका ताजा उदाहरण है। सोशल मीडिया के कंटेंट को नियमन के दायरे में लाकर बहुत साहसिक काम किया गया है। अश्लीलता रोकने के लिए आईटी एक्ट की जगह डिजिटल इंडिया बिल का लाना उस से भी बड़ा फैसला है।
– डॉ उरुक्रम शर्मा