Rajasthan Politics: सचिन पायलट का शुमार राजस्थान की जनता के पसंदीदा नेताओं में किया जाता है। खासतौर पर राजस्थान के युवा पायलट के दीवाने है। सचिन राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री भी रह चुके है। पायलट जहां भी जाते है उनको देखने और सुनने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ जाती है। चाहे फिर हम बात करे बीते साल हुई 14 फरवरी की जनसभा की तो, इस दौरान भी पायलट i love you के नारे सुनने को मिले थे। वही जनता से जुड़े मुद्दे पर भी पायलट की राय उनकी अपनी पार्टी तो सुनती ही साथ ही साथ सत्ता पक्ष के लोग भी खूब सुनते है।
इन दिनों इसलिए हो रही है पायलट की चर्चा
लेकिन इन दिनों पायलट की चर्चा उनकी चुप्पी की वजह से की जा रही है। दरअसल, भजनलाल सरकार ने हाल ही में एक बहुत बड़ा फैसला लिया जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार के दौरान बनाए गए 15 जिलों में से 9 जिलों को खत्म कर दिया है, और साथ ही 3 संभाग को भी निरस्त कर दिया है। जिस पर कांग्रेस सहित विपक्ष की ओर भी पार्टी नाराज़ है। ऐसे में अशोक गहलोत हो या पार्टी के और भी नेता इस फैसले का विरोध कर रहे है, और सड़क से लेकर सदन तक सरकार को घेरने की बात कर रहे है।
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ये है पायलट की चुप्पी की वजह!
इन सब के बीच पायलट की चुप्पी सब को खल रही है। राजनीतिक जानकर इसको लेकर कई कयास लगा रहे है। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, इन जिलों के गठन के समय भी पायलट से कुछ पूछा नहीं गया था, ना ही पायलट की राय मांगी गई थी। जिलों के गठन के वक़्त हुई बैठक के दौरान भी सचिन उसमे शामिल नहीं थे। ऐसे में इस वक़्त भी पायलट इस मामले में चुप है। वही जानकारों के मुताबिक इसके पीछे एक बड़ी वजह गहलोत-पायलट की खेमेबाजी भी बताई जा रही है।