Rajkumar Roat: बीते दिनों भजनलाल सरकार ने कैबिनेट बैठक में ऐसा फैसला लिया, जिसके बाद विपक्षी राजनीतिक पार्टियां विरोध कर रही है। भारत आदिवासी पार्टी हो या फिर कांग्रेस, हर एक विपक्षी दल भजनलाल सरकार पर जुबानी हमला कर रहा है। बता दें, जिस फैसले पर यह विवाद हो रहा है, वो है पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय में बनाये गए नए जिले और संभागों में से 7 जिले और 3 संभाग निरस्त करना। अब इसी को लेकर विरोध हो रहा है।
लंबे वक़्त से कहा जा रहा था कि, गहलोत सरकार के दौरान बनाए गए जिलों पर तलवार लटक रही है, उनको खत्म किया जा सकता है। अब आखिरकार भजनलाल सरकार ने इन जिलों का वजूद खत्म कर दिया है। अब जहां पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद इस फैसले का विरोध करते नज़र आ रहे है, तो वहीं बांसवाड़ा-डूंगरपुर से सांसद राजकुमार रोत भी इस फैसले से नाखुश नज़र आ रहे है। दरअसल, जो 3 संभाग ख़त्म किये गए है उनमें बांसवाड़ा भी शामिल है।
सरकार के फैसले पर भड़के राजकुमार रोत
रोत ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट कर भजनलाल सरकार पर बांसवाड़ा और डूंगरपुर की जनता के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया है। साथ ही इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया है कि, मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा पर जो गरीब आदिवासी रहते है, वो 240 किलोमीटर दूर उदयपुर जाने के बारे में सोच भी नहीं सकते। इसलिए इस फैसले पर भजनलाल शर्मा को दुबारा सोचना चाहिए और बांसवाड़ा संभाग को को बनाए रखना चाहिए।
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इन जिले और संभागों को किया गया है खत्म
बांसवाड़ा के साथ सरकार ने पाली और सीकर संभाग को भी खत्म किया है। वही अब 9 जिलों के खत्म हो जाने के बाद राजस्थान में 41 जिले रह गए है। जिन जिलों को खत्म किया गया है, उनमे दूदू, जयपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, गंगापुरसिटी, जोधपुर ग्रामीण, सांचौर, केकड़ी, शाहपुरा और नीमकाथाना शामिल है।