COLD WAVE ALERT: राजस्थान के कई हिस्सों में बर्फ जमने लगी है. दिसम्बर का पहला हफ्ता भले ही हल्की ठंड के साथ गुजर गया है, लेकिन अब पारा और गिरेगा. मौसम विभाग का कहना है, उत्तर पश्चिम भारत के पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कई शहरों में भीषण शीतलहर की स्थिति है. अगले कुछ दिनों में पारे में और भी गिरावट आने के खदशात है.
वही अक्सर ही माना जाता है कि ठंडी हवा यानी शीतलहर है, लेकिन मानक के मुताबिक हर ठंडी हवा शीतलहर नहीं होती. इस आर्टिकल में आपको तफ्सील से बताते है की क्या होती है शीतलहर, पारा कितने तापमान पर पहुंचने पर शीतलहर की घोषणा की जाती है, और कोल्ड वे-कोल्ड डे में क्या अंतर होता है.
शीतलहर के लिए कितना तापमान होना चाहिए, यह वहां की भौगोलिक स्थिति के मुताबिक तय किया जाता है.कोल्ड वेव यानी शीतलहर को तापमान से मापा जाता है. IMD के मुताबिक, अगर किसी मैदानी इलाके में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम हो और यह तापमान वहां के औसतम तापमान से 4.5 से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो तो उस हालात को शीतलहर कहते हैं.
अगर अधिकतम तापमान सीजन के सामान्य तापमान से 4.5 से लेकर 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे हो जाता है तो उसे सीवियर कोल्ड डे घोषित किया जाता है. मैदानी इलाकों के लिए कोल्ड वेव और सीवियर कोल्ड वेव का एक और मानक है. उसके मुताबिक, शीतलहर की चेतावनी तब जारी होती है जब न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर हो जाता है. सीवियर कोल्ड वेव की हालत में तापमान 2 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर पहुंच जाता है.
वहीं पहाड़ी इलाकों में उस दिन को कोल्ड डे कहा जाता है जब वहां का न्यूनतम तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर पहुंच जाता है. अधिकतम तापमान सामान्य तापमान के 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच जाए. इसके अलावा सीवियर कोल्ड डे की हालत तब बनती है जब उस दिन का अधिकतम तापमान सामान्य तापमान से 6.5 डिग्री कम हो जाए.